Healthcare stocks:म्यूचुअल फंड (एमएफ) की तरफ से जून महीने में भी हेल्थ केयर सेक्टर में भारी निवेश आया है। गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से म्यूचुअल फंड्स हेल्थ केयर सेक्टर में खूब निवेश कर रहे हैं। इससे पहले मई महीने में भी म्यूचुअल फंड्स ने इस सेक्टर में खूब निवेश किया था। एमके अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के मंथली आंकड़ों के मुताबिक मई में म्यूचुअल फंड्स ने इस सेक्टर में 1900 करोड़ रुपये का निवेश किया था। मई में म्यूचुअल फंड्स के निवेश का सबसे बड़ा हिस्सा हेल्थ केयर सेक्टर में ही हुआ था।
जून में कुल एमएफ निवेश का सबसे बड़ा हिस्सा हेल्थ केयर में आया
इस सेक्टर में रुचि इतनी बढ़ गई है कि नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की तरफ से कवर किए गए 11 म्यूचुअल फंड हाउसों में से 10 ने निफ्टी 200 में अपने वेटेज के मुकाबले फार्मा और हेल्थकेयर पर ज्यादा फोकस किया है। नुवामा की रिपोर्ट से पता चला है कि निफ्टी 200 इंडेक्स में फार्मा और हेल्थकेयर का वेटेज 4.88 फीसदी है। जबकि 10 एमएफ हाउसों ने जून तक इस सेक्टर में अपने कुल आवंटन का 4.97 फीसदी से 10.67 फीसदी हिस्सा आबंटित किया था।
जून में स्मॉल और और मिड-कैप कंपनियों में सबसे ज्यादा तेजी
काफी बड़े फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर पर नजर डालें तो पता चलता है कि जून में स्मॉल और और मिड-कैप कंपनियों में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली थी। कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (KIMS) में जून में 710 करोड़ रुपये का एमएफ निवेश हुआ है। ये फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर में जून महीने में किसी एक कंपनी में हुआ सबसे बड़ा निवेश है। एल्केम लेबोरेटरीज 300 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एमएफ की दूसरी पसंदीदा कंपनी रही है। इसके बाद अरबिंदो फार्मा का नंबर था। इसमें जून में 260 करोड़ रुपये का एमएफ निवेश हुआ है। मजबूत मांग और इंडस्ट्री लीडिंग मार्जिन के चलते KIMS को लेकर बाजार में जोरदार जोश देखने को मिल रहा है।
अजंता फार्मा और अरबिंदो फार्मा को लेकर बाजार बुलिश
इसके अलावा अजंता फार्मा को लेकर बाजार बुलिश है। गौरतलब है कि अजंता फार्मा एक ऐसी कंपनी है जो लगभग पूरी तरह से घरेलू बाजार पर पर आधारित है। जानकारों का मानना है कि भारतीय फार्मा मार्केट में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिलेगी। इसका फायदा अजंता फार्मा को मिलता दिखा है।
अरबिंदो फार्मा को लेकर भी बाजार बुलिश है। कंपनी अमेरिकी जेनेरिक मार्केट की सबसे बड़ी खिलाड़ी है। ये एक ऐसा सेक्टर है जिसमें हाल के दिनों में तेजी आने के संकेत दिखने शुरू हो गए है।
इसके अलावा हेल्थ केयर सेक्टर के कुछ और मिडकैप शेयरों में जून में एमएफ की तरफ से जोरदार खऱीदारी हुई है। नुआमा की रिपोर्ट को मुताबिक जून में एमएफ की तरफ से डॉ लाल पैथलैब्स में 180 करोड़ रुपये, बायोकॉन में 170 करोड़ रुपये, फोर्टिस हेल्थ में 160 करोड़ रुपये और लॉरस लैब्स में 120 करोड़ रुपये की खरीदारी देखने को मिली है। स्मॉल-कैप की बात करें तो विजया डायग्नोस्टिक में 190 करोड़ रुपये , ऑर्किड फार्मा में 180 करोड़ रुपये, थायरोकेयर टेक में 130 करोड़ रुपये, एडवांस एंजाइम में 60 करोड़ रुपये और ग्रैन्यूल्स इंडिया में 60 करोड़ रुपये की खरीदारी हुई है।
लार्ज-कैप में सन फार्मा रहा पसंदीदा शेयर
जहां तक लार्ज-कैप का सवाल है तो नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक सन फार्मा साफ तौर पर एमएफ के पसंदीदा शेयर के रूप में उभरा है। ये स्टॉक जून में चार एमएफ हाउसों ,आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ, एचएसबीसी एमएफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ और निप्पॉन इंडिया एमएफ के टॉप 10 होल्डिंग्स में रहा।
सन फार्मा एनालिस्टों को अपने मजबूत स्पेशियालिटी बिजनेस के चलते पसंद है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2024 में अनुसंधान और विकास खर्च को बढ़ाने की कंपनी के फैसले का भी बाजार ने स्वागत किया है। इससे कंपनी दीर्घकालिक विकास संभावनाओं में इजाफा देखने को मिल सकता है।