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Havells India: कमजोर नतीजों के बाद भी मैनेजमेंट कमेंट्री ने दिया बाजार को भरोसा, BofA ने शेयर को किया डबल अपग्रेड

Havells India Share Price: ब्रोकरेज भी शेयर पर बुलिश है। BofA ने तो शेयर को डबल अपग्रेड दिया है। ब्रोकरेज फर्म ने शेयर को डबल अपग्रेड के साथ Buy रेटिंग दी और इसके टारगेट प्राइस को भी 1400 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 1785 रुपये प्रति शेयर किया है

अपडेटेड Jul 22, 2025 पर 5:17 PM
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कमजोर नतीजों के बाद मैनेजमेंट कमेंट्री ने बाजार को सहारा दिया है। कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा कि Q1 की चुनौतियां से बहुत फिक्र नहीं है।

Havells India Share Price :  पहली तिमाही में हैवेल्स (Havells India)  के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे हैं, लेकिन मैनेजमेंट की मजबूत कमेंट्री से शेयर का जोश हाई रहा। ब्रोकरेज भी शेयर पर बुलिश है। BofA ने तो शेयर को डबल अपग्रेड दिया है। ब्रोकरेज फर्म ने शेयर को डबल अपग्रेड के साथ Buy रेटिंग दी और इसके टारगेट प्राइस को भी 1400 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 1785 रुपये प्रति शेयर किया है।

ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि फेस्टिव सीजन से डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। अर्निंग्स डाउनग्रेड का साइकल पीछे छूटा है और ऊंचाई से वैल्यूएशन 22% करेक्ट हुआ है। आगे वायर एंड केबल कारोबार में मजबूत मोमेंटम देखने को मिल सकता है।

ब्रोकरेज की मानें तो फेस्टिव सीजन से Q2 और Q3 डिमांड को बूस्ट संभव है। AC सेगमेंट की बिक्री में सुधार संभव है।


मजबूत मैनेजमेंट कमेंट्री

कमजोर नतीजों के बाद मैनेजमेंट कमेंट्री ने बाजार को सहारा दिया है। कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा कि Q1 की चुनौतियां से बहुत फिक्र नहीं है। आने वाली तिमाहियों में आय और मार्जिन सुधरने की उम्मीद है। H2 में रिकवरी की पूरी उम्मीद है। फेस्टिव मांग और रूरल मार्केट में रिकवरी का फायदा मिलेगा। Q1 में Lloyd और ECD सेगमेंट के कमजोर प्रदर्शन से आय में दबाव दिखा है।

कैसे रहे थे तिमाही नतीजे

तिमाही के दौरान कंपनी का कंसोलिडेटेड बेसिस पर शुद्ध मुनाफा 347.72 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। यह एक साल पहले के मुनाफे 407.90 करोड़ रुपये से 14.7 प्रतिशत कम है। ऑपरेशंस से कंसोलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 6 प्रतिशत गिरकर 5455.35 करोड़ रुपये रह गया। जून 2024 तिमाही में यह 5806.21 करोड़ रुपये था।

हैवेल्स इंडिया के मैनेजमेंट ने जून 2025 तिमाही के कमजोर प्रदर्शन के लिए इस साल की हल्की गर्मी को जिम्मेदार बताया है, जिसके कारण कूलिंग प्रोडक्ट्स की खरीद में गिरावट आई। इनवेस्टर प्रेजेंटेशन में इस बात पर जोर दिया गया कि उपभोक्ता मांग सुस्त बनी रही, जबकि इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग में बढ़ोतरी कायम रही।

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