Credit Cards

भारत का शेयर बाजार दुनिया में सबसे महंगा, अर्निंग्स का 31 गुना भाव देना कहीं से भी सही नहीं: अश्वथ दामोदरन

वैल्यूएशन गुरु कहे जाने वाले अश्वथ दामोदरन ने कहा, "भारत इस समय दुनिया का सबसे महंगा शेयर बाजार है। भारत की ग्रोथ स्टोरी कितनी भी आकर्षक क्यों न लगे, लेकिन ये भारतीय कंपनियों के लिए कुल मिलाकर औसतन 31 गुना अर्निंग्स (P/E), 3 गुना रेवेन्यू और 20 गुना EBITDA के वैल्यूएशन को सही नहीं ठहरा सकते। "

अपडेटेड Feb 10, 2025 पर 12:46 PM
Story continues below Advertisement
अश्वथ दामोदरन, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं

भारतीय शेयर बाजारों में पिछले कुछ महीनों से लगातार गिरावट जारी है। 2025 में अबतक यह दुनिया के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयर बाजारों में से एक रहा है। वैल्यूएशन गुरु कहे जाने वाले अश्वथ दामोदरन का मानना ​​है इस गिरावट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार अभी भी दुनिया में सबसे महंगे बने हुए हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस साल अब तक चीन के शंघाई इंडेक्स ने भारत के सेंसेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। दामोदरन, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं।

उन्होंने हाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, "भारत इस समय दुनिया का सबसे महंगा शेयर बाजार है। भारत की ग्रोथ स्टोरी कितनी भी आकर्षक क्यों न लगे, लेकिन ये भारतीय कंपनियों के लिए कुल मिलाकर औसतन 31 गुना अर्निंग्स (P/E), 3 गुना रेवेन्यू और 20 गुना EBITDA के वैल्यूएशन को सही नहीं ठहरा सकते। "

उन्होंने कहा कि भारत भले ही दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन इसके बावजूद इसकी मौजूदा वैल्यूएशन ग्लोबल स्तर पर दूसरे अधिकतर शेयर बाजारों की तुलना में कहीं अधिक है।


दुनिया में कहां महंगे और सस्ते बाजार?

दामोदरन ने भारत की तुलना दूसरे देशों के शेयर बाजारों से की और पाया कि लैटिन अमेरिका और पूर्वी यूरोप के शेयर बाजार तुलनात्मक रूप से सस्ते हैं, लेकिन वहां राजनीतिक अस्थिरता और कम ग्रोथ रेट जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। वहीं जापान को आमतौर पर धीमी ग्रोथ वाला बाजार माना जाता है और वो इस समय बुजुर्ग होती आबादी जैसी अतिरिक्त चुनौतियों का सामना कर रहा है।

उन्होंने कहा कि अर्जेंटीना, ब्राजील और चिली के बेंचमार्क इंडेक्स ने इस साल अब तक दुनिया के बाकी शेयर बाजारों की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है। दामोदरन के मुताबिक, मिडिल ईस्ट के बाजारों में भी ऊंचा वैल्यूएशन देखा जा सकता है, लेकिन इसका कारण ये है कि वहां फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों का ज्यादा दबदबा है। ये कंपनियां अक्सर अपनी अर्निंग्स को स्पष्ट रूप से नहीं दिखाती हैं, जिससे वैल्यूएशन महंगी लग सकती है।

जापान और दक्षिण कोरिया हैं अंडरवैल्यूड?

दामोदर ने कहा कि इस कुछ बाजारों का वैल्यूएशन तुलनात्मक रूप से कम दिख रहा है। जापान और साउथ कोरिया ऐसे देश हैं, जहां एंटरप्राइज वैल्यू-टू-सेल्स के आधार पर कंपनियों के भाव सस्ते लग रहे हैं, लेकिन इन अर्थव्यवस्थाओं में भी व्यापक आर्थिक चुनौतियों बनी हुई हैं।

इंडेक्स (देश/क्षेत्र) 2025 में अब तक रिटर्न (डॉलर में) (10 फरवरी को सुबह 11 बजे तक ) 
मेरवल (अर्जेंटीना) +17.46%
बोवेस्पा (ब्राजील) +12.21%
DAX (जर्मनी) +9.05%
यूरो स्टॉक्स 50 (यूरोप) +8.39%
हैंग सेंग (हांगकांग) 6.6%
डॉव जोन्स (अमेरिका) +4.13%
सेंसेक्स (भारत) -3.5%
शंघाई (चीन) -1.2%

क्या भारतीय बाजार में सुधार होगा?

भारतीय शेयर बाजार की ऊंची वैल्यूएशन को लेकर निवेशकों में चिंता बनी हुई है। दामोदरन ने कहा कि अगर भारतीय कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे में आने वाली तिमाहियों के दौरान सुधार नहीं दिखता है, तो निवेशकों के लिए इन ऊंचे वैल्यूएशन को सही ठहाराना मुश्किल हो सकता है।

यह भी पढ़ें-  Share Market Crash: इन 4 कारणों से गिरा शेयर बाजार, सेंसेक्स 670 अंक टूटा, निवेशकों के ₹5 लाख करोड़ डूबे

डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।