Mphasis Share Price: आईटी सेक्टर की कंपनी एमफैसिस लिमिटेड (Mphasis Ltd) का कहना है कि अमेरिकी सरकार की ओर से H-1B वीजा नियमों में किए गए बदलावों का उसके कारोबार और वित्तीय प्रदर्शन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। हालांकि इसके बावजूद कंपनी के शेयर आज 22 सितंबर को शुरुआती करीब 5.9% गिरकर 2,817 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर आ गए।
कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजे एक बयान में कहा कि उसके पास H-1B वीजा की बहुत कम फाइलिंग होती है और इसके कर्मचारियों के कुल संख्या में H-1B वीजाधारकों की संख्या बहुत कम है। साल 2025 में अब तक एमफैसिस ने केवल 130 कर्मचारियों के लिए H-1B वीजा आवेदन किए हैं, जिनमें से 78 को मंजूरी मिली है।
Mphasis का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा आवेदन के साथ $1,00,000 (करीब 88 लाख रुपये) की भारी-भरकम अनिवार्य फीस जमा करने का नियम लागू कर दिया। पहले यह फीस महज कुछ हजार डॉलर ही थी। यह नियम 21 सितंबर से प्रभावी हो गया है।
एक सीनियर अमेरिकी अधिकारी ने साफ किया कि यह बढ़ी हुई फीस केवल नई लॉटरी पिटिशन पर लागू होगी और पहले से मौजूद वीजाधारकों पर इसका कोई असर नहीं होगा।
Mphasis ने कहा कि कंपनी का ध्यान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI)-आधारित सौदों और नई टेक्नोलॉजी-वाले सॉल्यूशंस पर है, जिससे उसके सिस्टम में पर्याप्त "resilience" यानी मजबूती बनी हुई है। कंपनी ने बताया कि वह पिछले कई सालों से वीजा पर निर्भरता घटाने के लिए लोकल स्तर पर हायरिंग, अधिग्रहण और साझेदारियों पर जोर दे रही है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, “हमारे पास अपने सभी मौजूदा क्लाइंट प्रोजेक्ट्स के लिए पर्याप्त कर्मचारी हैं और सामान्य रूप से कामकाज जारी रखेंगे। हम लगातार बदलाव के साथ खुद को ढाल रहे हैं और हमारे AI-आधारित सॉल्यूशंस हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।”
सुबह 9.37 बजे के करीब, एमफैसिस के शेयर 3.20 फीसदी की गिरावट के साथ करीब 2,898 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। हालांकि पिछले 6 महीने में कंपनी के शेयरों में करीब 16 फीसदी की तेजी आई है।
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