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Jane Street की इंडियन स्टॉक मार्केट्स में दोबारा एंट्री का रास्ता साफ: रिपोर्ट

SEBI: जेन स्ट्रीट पर इंडियन मार्केट में मैनिपुलेशन के आरोपों के बाद सेबी ने 3 जुलाई को उस पर बैन लगा दिया था। सेबी की जांच अब भी इस अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म के खिलाफ चल रही है। लेकिन, बताया जाता है कि पिछले हफ्ते सेबी ने उसे दोबारा इंडिया में ट्रेडिंग शुरू करने की इजाजत दे दी है

अपडेटेड Jul 21, 2025 पर 10:01 AM
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SEBI ने NSE और BSE को जेन स्ट्रीट की फ्यूचर पोजीशंस और ट्रेडिंग एक्टिविटी पर करीबी नजर रखने को कहा है।

जेन स्ट्रीट की इंडियन स्टॉक मार्केट्स में दोबारा एंट्री का रास्ता साफ हो गया है। एस्क्रो अकाउंट में 4,844 करोड़ जमा करने के बाद सेबी ने जेन स्ट्रीट को इंडिया में ट्रेडिंग करने की इजाजत दे दी है। 3 जुलाई को सेबी ने जेन स्ट्रीट और उससे जुड़ी कंपनियों को बैन कर दिया था। इसका मतलब यह है कि उन्हें इंडियन मार्केट्स में किसी तरह की ट्रेडिंग करने से रोक दिया गया था। सेबी ने जेन स्ट्रीट को 4,844 करोड़ रुपये एस्क्रो अकाउंट में डिपॉजिट करने का आदेश दिया था। सेबी का मानना है कि इंडियन मार्केट में मैनिपुलेशन से जेन स्ट्रीट ने यह प्रॉफिट कमाया है।

सेबी ने पिछले हफ्ते जेन स्ट्रीट पर लगी रोक हटाई 

बिजनेस स्टैंडर्ड ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि SEBI ने पिछले हफ्ते Jane Street पर लगाई गई रोक हटा ली है। सेबी ने यह कनफर्म करने के बाद यह रोक हटाई है कि जेन स्ट्रीट ने 14 जुलाई की डेडलाइन से पहले रेगुलेटर के आदेश के मुताबिक पैसा एस्क्रो अकाउंट में जमा कर दिया। हालांकि, दोबारा ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाने के बावजूद जेन स्ट्रीट के लिए स्थितियां पहले जैसी नहीं होंगी। SEBI ने NSE और BSE को जेन स्ट्रीट की फ्यूचर पोजीशंस और ट्रेडिंग एक्टिविटी पर करीबी नजर रखने को कहा है।


एक्सचेंजों की जेन स्ट्रीट के ट्रेड्स पर करीबी नजर रहेगी

सेबी ने जेन स्ट्रीट और उससे जुड़ी कंपनियों को मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग पैटर्न का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है। खासकर उन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है, जिनका जिक्र 3 जुलाई के सेबी के अंतरिम आदेश में है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने कहा है कि जेन स्ट्रीट के ट्रेड्स पर तब तक एक्सचेंजों और रेगुलेटर की करीबी नजर रहेगी जब तक इसके खिलाफ चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती। सेबी का 3 जुलाई का आदेश सिर्फ शुरुआती जांच पर आधारित था।

जेन स्ट्रीट के खिलाफ सेबी की जांच जारी रहेगी

सेबी अब बैंक निफ्टी स्टॉक्स से जुड़े जेन स्ट्रीट की टू-पार्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की जांच कर रहा है। रेगुलेटर का मानना है कि जेन स्ट्रीट पहले बैंक निफ्टी में शामिल स्टॉक्स में कैश और फ्यूचर्स मार्केट में बड़ी खरीदारी करती थी। इससे Bank Nifty में उछाल आता था। उसके बाद वह इन शेयरों में बड़ी बिकवाली करती थी, लेकिन इंडेक्स ऑप्शंस में अपने शॉर्ट्स बनाए रखती थी। बैंक निफ्टी में बड़ी गिरावट से उसे अपने शॉर्ट्स से भारी प्रॉफिट होता था। इस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल कर जेन स्ट्रीट ने इंडियन मार्केट्स में भारी कमाी की।

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जेन स्ट्रीट ने मैनिपुलेशन के आरोपों को नकारा

जेन स्ट्रीट ने हालांकि इंडियन मार्केट्स में किसी तरह के मैनिपुलेशन से इनकार किया है। उसने अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को स्टैंडर्ड इंडेक्स आर्बिट्रॉज स्ट्रेटेजी बताया है। उसने कहा है कि यह एक सामान्य ट्रेडिंग मेथड है, जिसमें ट्रेडर्स इंस्ट्रूमेंट्स की कीमतों में फर्क से प्रॉफिट बनाते हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड को सूत्रों ने बताया कि जेन स्ट्रीट के प्रतिनिधियों ने पिछले हफ्ते सेबी के अधिकारियों से मुलाकात की थी। जेन स्ट्रीट को भले ही इंडिया में दोबारा ट्रेडिंग की इजाजत मिल गई है, लेकिन उसने बताया है कि उसका ऑप्शंस ट्रेडिंग जल्द शुरू करने का प्लान नहीं है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Jul 21, 2025 9:44 AM

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