Kaynes Tech Shares: केन्स टेक के शेयर फिर 12% लुढ़के, तीन दिन में डूब गए ₹10,000 करोड़, जानें कारण

Kaynes Tech Shares: केन्स टेक्नोलॉजी के शेयरों में आज 8 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन भारी गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर 12 फीसदी तक टूट गए। पिछले तीन दिनों में कंपनी के शेयरों का भाव 27.5% तक लुढ़क गया है। इस गिरावट के चलते निवेशकों की लगभग ₹10,000 करोड़ की मार्केट वैल्यू पिछले तीन दिनों में साफ हो गई है

अपडेटेड Dec 08, 2025 पर 5:35 PM
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Kaynes Tech Shares: केन्स टेक्नोलॉजी के शेयरों में कोटक की एक रिपोर्ट के बाद से ही गिरावट देखी जा रही है

Kaynes Tech Shares: केन्स टेक्नोलॉजी के शेयरों में आज 8 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन भारी गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर 12 फीसदी तक टूट गए। पिछले तीन दिनों में कंपनी के शेयरों का भाव 27.5% तक लुढ़क गया है। इस गिरावट के चलते निवेशकों की लगभग ₹10,000 करोड़ की मार्केट वैल्यू पिछले तीन दिनों में साफ हो गई है।

केन्स टेक्नोलॉजी के शेयरों में गिरावट का यह सिलसिला ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ। इस रिपोर्ट में कंपनी के रिलेटेड-पार्टी ट्रांजैक्शन से जुड़े खुलासों में गंभीर अनियमितताओं का दावा किया गया था।

कोटक के आरोप, क्या है मामला?

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने केन्स टेक्नोलॉजी, केन्स इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और उसकी सब्सिडियरी इस्क्रैमेको (Iskraemeco) के वित्त वर्ष 2025 के डेटा में कई मिसमैच पाए हैं।


कोटक का कहना है कि, इस्क्रैमेको की फाइलिंग में केन्स इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग से ₹180 करोड़ की खरीदारी दिखाई गई है, लेकिन यह लेनदेन केन्स इलेक्ट्रॉनिक्स की अपनी रिलेटेड-पार्टी डिस्क्लोजर में नहीं दिखता।

इसके अलावा इस्क्रैमेको ने साल के अंत में केन्स टेक्नोलॉजी को 320 करोड़ रुपये और केन्स इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 180 करोड़ रुपये का पेयबल्स दिखाया है। इसके अलावा, उसने केन्स टेक्नोलॉजी से ₹190 करोड़ का रिसीवेबल दिखाया है। कोटक ने बताया कि ये बैलेंस केन्स टेक्नोलॉजी या केन्स इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के रिलेटेड-पार्टी डिस्क्लोजर में नहीं दिखते हैं।

कोटक ने यह भी कहा कि इस्क्रैमेको की लगभग सभी मौजूदा देनदारियां (Receivables) उसकी पैरेंट कंपनी से जुड़ी हैं, जिनमें से ₹45.8 करोड़ एक साल से ज्यादा समय से बकाया हैं। ब्रोकरेज के मुताबिक ये असंगतियां कंपनी के भीतर के ट्रांजैक्शन और इंटरनल अकाउटिंग पर सवाल खड़े करती हैं।

कंपनी की आई सफाई

केन्स टेक्नोलॉजी ने 5 दिसंबर को स्पष्टीकरण जारी किया और कहा कि यह लेनदेन उसके स्टैंडअलोन फाइनेंशियल स्टेटमेंट में गलती से छूट गया था, जिसे अब ठीक कर दिया गया है और भविष्य में कंप्लायंस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कंपनी ने यह भी कहा कि ये सभी लेनदेन दोनों कंपनियों के कंसॉलिडेटेड फाइनेंशियल में शामिल थे।

JP मॉर्गन ने दी "बॉटम फिशिंग" से बचने की सलाह

इस पूरे विवाद के बीच JP मॉर्गन ने निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी केन्स के शेयरों में "बॉटम फिशिंग" यानी गिरावट में खरीदारी करने से बचें। ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी के सामने बैलेंस शीट और कैश फ्लो से जुड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके रेवेन्यू ग्रोथ और स्मार्ट मीटर के अलावा दूसरे बिजनेसों में स्थिरता को लेकर भी चिंता है।

ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी जब तक अपने तीसरी तिमाही के नतीजे जारी नहीं करती, तब तक उसे स्टॉक के लिए कोई साफ, मजबूत कैटलिस्ट नहीं दिख रहा है। हालांकि इसके बावजूद ब्रोकरेज ने इस शेयर पर अभी तक अपनी 'ओवरवेट' की रेटिंग बरकरार रखी है।

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