Credit Cards

MC Exclusive : केवी कामत ने कहा-बैंकों में अब विनिवेश की उतनी जरूरत नहीं रह गई है

केवी कामत को बैंकिंग क्षेत्र का व्यापक अनुभव है। वह ICICI Bank के चेयरमैन रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी सरकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है और वह टेक्नोलॉजी के मामले में प्राइवेट बैंकों का मुकाबले कर सकता है तो फिर सरकार को हिस्सेदारी बेचने पर दोबारा विचार करने की जरूरत है

अपडेटेड Nov 07, 2024 पर 10:16 AM
Story continues below Advertisement
केवी कामत ने कहा कि सरकारी बैंकों की पहुंच प्राइवेट बैंकों से काफी ज्यादा है।

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन केवी कामत ने बैंकों में विनिवेश के बारे में बड़ा बयान दिया है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा कि बैंकों को अब विनिवेश की ज्यादा जरूरत नहीं रह गई है। किसी बैंक का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि अगर सरकारी बैंक (PSU) कैपिटल के मामले में आत्मनिर्भर हैं और टेक्नोलॉजी के मामले में प्राइवेट बैंकों का मुकाबला कर सकते हैं तो सरकार के अपनी हिस्सेदारी बेचने पर दोबारा विचार किया जा सकता है।

सरकारी बैंकों की पहुंच प्राइवेट बैंकों से काफी ज्यादा

कामत (KV Kamath) ने कहा कि यह ऐसा फैसला है, जो सरकार को लेना है। हमें यह देखने की जरूरत है कि विनिवेश (Divestment) की जरूरत क्यों है। आम तौर पर इसका मतलब बड़ी पूंजी की जरूरत से होता है। अब अगर ये बैंक पूंजी के मामले में आत्मनिर्भर हैं तो आपको सोचना होगा कि फिर विनिवेश की जरूरत क्यों है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों (PSU Banks) की पहुंच प्राइवेट बैंकों के मुकाबले काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा, "दूसरा प्वाइंट यह है कि सरकारी बैंकों की पहुंच जिस तरह लोगों तक है। प्राइवेट बैंकों की इस तरह की पहुंच नहीं है। तीसरा और सबसे अहम प्वाइंट यह है कि टेक्नोलॉजी के मामले में सरकारी और प्राइवेट बैंकों के बीच का फर्क घटा है।"


टेक्नोलॉजी के मामले में बड़े बदलाव की जरूरत

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आज टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के मामले में किसी प्राइवेट बैंक और सरकारी बैंक के बीच फर्क किया जा सकता है। हालांकि, कामत का मानना है कि प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के बैंक जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनमें बड़े बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, "अगर पूरे बैंकिंग सेक्टर की बात की जाए तो टेक्नोलॉजी में बड़े बदलाव की जरूरत दिखती है। फिनेटक और नए प्लेयर्स जिस तरह की टेक्नोलॉजी तैयार कर रहे हैं, उसका इस्तेमाल बैंक भी कर सकते हैं। इससे उनकी क्षमता बढ़ेगी।"

यह भी पढ़ें: RVNL Shares: बीएसएनएल से मिला ₹5,000 करोड़ का ऑर्डर, शेयरों में तेजी, इस साल 158% रिटर्न

बीते चार साल में किसी बैंक ने पूंजी जुटाने के लिए बड़ी हिस्सेदारी नहीं बेची

अगर बैंकों में बड़ी हिस्सेदारी की बिक्री की बात करें तो जुलाई 2020 में यस बैंक के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर के बाद किसी प्राइवेट बैंक ने बड़ी पूंजी जुटाने के लिए हिस्सेदारी नहीं बेची है। इससे पहले एक्सिस बैंक ने 2017 में 11,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। उसने यह पैसा प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए जुटाया था। तब बैन कैपिटल जैसे बड़े इनवेस्टर्स ने एक्सिस बैंक में निवेश किए थे।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।