जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन केवी कामत ने बैंकों में विनिवेश के बारे में बड़ा बयान दिया है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा कि बैंकों को अब विनिवेश की ज्यादा जरूरत नहीं रह गई है। किसी बैंक का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि अगर सरकारी बैंक (PSU) कैपिटल के मामले में आत्मनिर्भर हैं और टेक्नोलॉजी के मामले में प्राइवेट बैंकों का मुकाबला कर सकते हैं तो सरकार के अपनी हिस्सेदारी बेचने पर दोबारा विचार किया जा सकता है।
सरकारी बैंकों की पहुंच प्राइवेट बैंकों से काफी ज्यादा
कामत (KV Kamath) ने कहा कि यह ऐसा फैसला है, जो सरकार को लेना है। हमें यह देखने की जरूरत है कि विनिवेश (Divestment) की जरूरत क्यों है। आम तौर पर इसका मतलब बड़ी पूंजी की जरूरत से होता है। अब अगर ये बैंक पूंजी के मामले में आत्मनिर्भर हैं तो आपको सोचना होगा कि फिर विनिवेश की जरूरत क्यों है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों (PSU Banks) की पहुंच प्राइवेट बैंकों के मुकाबले काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा, "दूसरा प्वाइंट यह है कि सरकारी बैंकों की पहुंच जिस तरह लोगों तक है। प्राइवेट बैंकों की इस तरह की पहुंच नहीं है। तीसरा और सबसे अहम प्वाइंट यह है कि टेक्नोलॉजी के मामले में सरकारी और प्राइवेट बैंकों के बीच का फर्क घटा है।"
टेक्नोलॉजी के मामले में बड़े बदलाव की जरूरत
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आज टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के मामले में किसी प्राइवेट बैंक और सरकारी बैंक के बीच फर्क किया जा सकता है। हालांकि, कामत का मानना है कि प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के बैंक जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनमें बड़े बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, "अगर पूरे बैंकिंग सेक्टर की बात की जाए तो टेक्नोलॉजी में बड़े बदलाव की जरूरत दिखती है। फिनेटक और नए प्लेयर्स जिस तरह की टेक्नोलॉजी तैयार कर रहे हैं, उसका इस्तेमाल बैंक भी कर सकते हैं। इससे उनकी क्षमता बढ़ेगी।"
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बीते चार साल में किसी बैंक ने पूंजी जुटाने के लिए बड़ी हिस्सेदारी नहीं बेची
अगर बैंकों में बड़ी हिस्सेदारी की बिक्री की बात करें तो जुलाई 2020 में यस बैंक के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर के बाद किसी प्राइवेट बैंक ने बड़ी पूंजी जुटाने के लिए हिस्सेदारी नहीं बेची है। इससे पहले एक्सिस बैंक ने 2017 में 11,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। उसने यह पैसा प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए जुटाया था। तब बैन कैपिटल जैसे बड़े इनवेस्टर्स ने एक्सिस बैंक में निवेश किए थे।