Metal Stocks to BUY: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) को भारतीय स्टील सेक्टर में काफी संभावनाएं दिख रही है। ब्रोकरेज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2025 से 2027 तक भारत की स्टील कंपनियों के वॉल्यूम में 8-10% की CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) ग्रोथ देखने को मिल सकती है। साथ ही, सेफगार्ड ड्यूटी से इनके मुनाफे में भी सुधार की उम्मीद है। इसके साथ ही जेफरीज ने अपनी पसंदीदा मेटल शेयरों की सूची भी जारी की है।
Jefferies के टॉप मेटल स्टॉक्स:
1. टाटा स्टील (Tata Steel): जेफरीज ने इस कंपनी को वैल्यूएशन के आधार पर अपनी पसंदीदा कंपनियों में शामिल किया है। साथ ही इसका टारगेट प्राइस 180 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया है।
2. जिंदल स्टेनलेस (JDSL): जेफरीज ने इस स्टॉक पर नई कवरेज शुरू करते हुए इसे 'Buy' रेटिंग दी है और इसके लिए 800 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है।
3. जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel): ब्रोकरेज ने इस शेयर की रेटिंग को ‘Hold’ से बढ़ाकर ‘Buy’ कर दिया गया है। साथ ही, इसका टारगेट 920 रुपये से 30% बढ़ाकर 1,200 रुपये कर दिया गया है।
4. कोल इंडिया (Coal India): ब्रोकरेज ने इस स्टॉक पर अपनी 'Buy' रेटिंग को बरकरार रखा है और इसके लिए 455 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। Jefferies का मानना है कि भारत की मजबूत आर्थिक ग्रोथ और बिजली की बढ़ती मांग कोयले की खपत को आगे बढ़ाएगी। उसने कहा कि वित्त वर्ष 2026 की अनुमानित आय पर 8.2x का P/E और 7% डिविडेंड यील्ड के साथ यह स्टॉक आकर्षक वैल्यू प्रदान करता है।
हिंडाल्को (Hindalco): जेफरीज ने इस स्टॉक की रेटिंग को ‘Buy’ से घटाकर ‘Hold’ कर दिया गया है। साथ ही, टारगेट प्राइस 800 रुपये से घटाकर 690 रुपये कर दिया गया है। जेफरीज के मुताबिक, कंपनी की कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ और बढ़ते कर्ज का असर इसके प्रदर्शन पर पड़ सकता है।
Jefferies ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि Tata Steel, JSW Steel और Jindal Stainless जैसी कंपनियां 2025-2027 के दौरान 8-10% वॉल्यूम ग्रोथ दिखा सकती हैं। वहीं, Coal India की वॉल्यूम ग्रोथ 5% रहने का अनुमान है, जो भारत की बढ़ती पावर डिमांड से प्रेरित होगी।
दूसरी ओर, Hindalco के मामले में रिपोर्ट कहती है कि भारतीय एल्युमिनियम बिजनेस में वॉल्यूम ग्रोथ फ्लैट रह सकती है, और इसकी सब्सिडियरी Novelis में CAGR सिर्फ 1% रहने की उम्मीद है।
हालांकि चीन की CY24 कार्बन और स्टेनलेस स्टील एक्सपोर्ट दशक के उच्चतम स्तर पर है, जिससे ग्लोबल प्राइस पर दबाव है, लेकिन जेफरीज का मानना है कि एशिया में कन्वर्जन स्प्रेड पहले से ही 30% नीचे हैं, जिससे आगे विस्तार की गुंजाइश बनती है, खासकर अगर चीन में डिमांड बढ़ती है या उत्पादन में कटौती होती है।
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