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IPO से जुटाए पैसों में हेरफेर का आरोप! SEBI ने कंपनी को किया बैन, शेयर में लगा 5% लोअर सर्किट

निर्माण एग्री जेनेटिक्स लिमिटेड (Nirman Agri Genetics Ltd) के शेयरों में आज 15 अक्टूबर को तेज गिरावट देखने को मिली। कंपनी के शेयर 5% टूटकर अपनी लोअर सर्किट सीमा में आ गए। यह गिरावट इस खबर के बाद आई कि सिक्योरिटी एंड एक्सचेंड बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कंपनी को IPO फंड के दुरुपयोग के आरोप में शेयर मार्केट में लेनदेन करने से बैन कर दिया है

अपडेटेड Oct 15, 2025 पर 1:10 PM
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SEBI ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वह सभी प्रस्तावित कॉरपोरेट एक्शंस को अगले आदेश तक तुरंत रोक दे

निर्माण एग्री जेनेटिक्स लिमिटेड (Nirman Agri Genetics Ltd) के शेयरों में आज 15 अक्टूबर को तेज गिरावट देखने को मिली। कंपनी के शेयर 5% टूटकर अपनी लोअर सर्किट सीमा में आ गए। यह गिरावट इस खबर के बाद आई कि सिक्योरिटी एंड एक्सचेंड बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कंपनी को IPO फंड के दुरुपयोग के आरोप में शेयर मार्केट में लेनदेन करने से बैन कर दिया है।

SEBI ने इसके साथ ही कंपनी को निर्देश दिया है कि वह सभी प्रस्तावित कॉरपोरेट एक्शंस को अगले आदेश तक तुरंत रोक दे। इसमें बोनस इश्यू, स्टॉक स्प्लिट और कंपनी का नाम बदलकर 'एग्रीकेयर लाइफ कॉर्प लिमिटेड' जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।

SEBI की जांच में बड़ा खुलासा

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वर्शनेय की ओर से पारित अंतरिम आदेश में यह कहा गया है कि कंपनी और उसके प्रमोटर प्रणव कैलास बागल को कंपनी के शेयरों में खरीद-बिक्री या किसी भी तरह के सौदे से अगले आदेश तक रोका गया है।


जांच में सामने आया कि कंपनी ने अपने IPO से जुटाए गए कुल ₹20.30 करोड़ में से ₹18.89 करोड़ (लगभग 93%) का गलत इस्तेमाल किया। ये फंड ऐसे संस्थानों को ट्रांसफर किए गए जो या तो फर्जी थे, संदिग्ध थे, या कैलास बागल और उनके परिजनों के नियंत्रण में थे।

SEBI ने कहा कि कंपनी ने फंड के इस्तेमाल से जुड़ी विरोधाभासी जानकारियां दीं और किसी भी खर्च या ट्रांजैक्शन के लिए ठोस सबूत या इनवॉइस पेश नहीं किया।

सेबी ने अपने आदेश में लिखा, “कंपनी यह साबित करने में असफल रही कि जिन संस्थाओं को भुगतान किया गया, उनके साथ कोई वास्तविक समझौता या वैध इनवॉइस मौजूद था। हैरानी की बात यह है कि तीन संस्थाओं को किए गए भुगतान उन बैंक खातों में गए जो पूरी तरह से अलग पक्षों के थे।”

संदिग्ध भुगतान के सबूत

NAGL ने दावा किया कि उसने चार विक्रेताओं (vendor entities) को ₹12.14 करोड़ का भुगतान किया, लेकिन जांच में पाया गया कि इन संस्थाओं की साख संदिग्ध थी। कंपनी ने कोई वैध एग्रीमेंट या बिल नहीं दिया जिससे यह साबित हो सके कि भुगतान सही उद्देश्य से हुआ।

यहां तक कि जिन बैंक खातों में पैसे भेजे गए, वे पूरी तरह असंबंधित पक्षों के थे। NSE की ओर से की गई साइट विजिट में पाया गया कि जिन पतों पर ये संस्थाएं बताई गई थीं, वहां न तो कोई कंपनी मौजूद थी, न ही कोई कृषि गतिविधि।

शेयरों में भारी गिरावट

SME रूट के जरिए शेयर बाजार में लिस्ट हुए इस कंपनी के शेयर 5% टूटकर ₹166.85 प्रति शेयर पर पहुंच गए। इस शेयर का 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹130 और उच्चतम स्तर ₹456 है। वहीं कंपनी का मार्केट कैप ₹133 करोड़ के करीब है।

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