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Persistent Systems: पर्सिस्टेंट सिस्टम्स का लगातार अच्छा प्रदर्शन, क्या आपको इस स्टॉक में निवेश करना चाहिए?

पर्सिस्टेंट सिस्टम्स की ऑर्डरबुक स्ट्रॉन्ग है। दूसरी तिमाही में ऑर्डरबुक में 10 फीसदी इजाफा देखने को मिला। FY25 की पहली छमाही में ऑर्डरबुक 15 फीसदी बढ़ी। टोटल ऑर्डर फ्लो में नेट न्यू ऑर्डर्स की हिस्सेदारी करीब 74 फीसदी रही

अपडेटेड Dec 05, 2024 पर 5:08 PM
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कंपनी ने अपने टॉप 100 क्लाइंट्स से जुड़े ग्रोथ के मौकों का फायदा उठाने के लिए T100 प्रोग्राम लॉन्च किया है।

पर्सिस्टेंट सिस्टम्स उन आईटी कंपनियों में शामिल है, जिनके शेयरों ने निवेशकों को मालामाल किया है। पिछले चार महीनों में निफ्टी का रिटर्न मुश्किल से 1.7 फीसदी रहा है, जबकि आईटी इंडेक्स का रिटर्न 11.6 फीसदी रहा है। इसके मुकाबले इस दौरान पर्सिस्टेंट सिस्टम्स का शेयर 32 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। ज्यादा वैल्यूएशन के बावजूद कई ऐसी चीजें हैं जो पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के स्टॉक को अट्रैक्टिव बनाती हैं। इनमें स्ट्रॉन्ग ऑर्डरबुक, न्यू-एज टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता और मार्जिन में लगातार सुधार शामिल हैं।

शानदार रेवेन्यू ग्रोथ

FY22 में पर्सिस्टेंट सिस्टम्स (Persistent Systems) की ऑर्गेनिक रेवेन्यू ग्रोथ 33 फीसदी थी। FY23 में यह 35 फीसदी और FY24 में 14.5 फीसदी थी। FY25 की पहली छमाही में भी कंपनी की ग्रोथ अच्छी रही है। Persistent Systems के लिए नॉर्थ अमेरिका और यूरोप बड़े बाजार हैं। इन दोनों में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। कंपनी के कुल रेवेन्यू में इन दोनों मार्केट्स की हिस्सेदारी करीब 90 फीसदी है। बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) में कंपनी की मजबूत पैठ है। टेक्नोलॉजी वर्टिकल में कमजोरी दिखी है। लेकिन, कंपनी के मैनेजमेंट का मानना है कि टेक्नोलॉजी में अब स्थिति बेहतर हो रही है।


नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में आगे

कंपनी ने अपने टॉप 100 क्लाइंट्स से जुड़े ग्रोथ के मौकों का फायदा उठाने के लिए T100 प्रोग्राम लॉन्च किया है। इससे क्लाइंट्स के साथ कंपनी के रिश्ते मजबूत होंगे। डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में पर्सिस्टेंट सिस्टम्स काफी आगे है। इसके AI से चलने वाले प्लेटफॉर्म SASVA का 2.0 वर्जन लॉन्च हो चुका है। पर्सिस्टेंट सिस्टम्स ने पुणे की कंपनी Arrka के अधिग्रहण का ऐलान किया है। इस कंपनी का फोकस डेटा प्राइवेसी मैनेजमेंट पर है। Arrka के सॉल्यूशन से पर्सिस्टेंट सिस्टम्स अपने क्लाइंट्स की मदद डेटा प्राइवेसी रिस्क मैनेजमेंट में भी कर सकती है।

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क्या आपको निवेश करना चाहिए?

पर्सिस्टेंट सिस्टम्स की ऑर्डरबुक स्ट्रॉन्ग है। दूसरी तिमाही में ऑर्डरबुक में 10 फीसदी इजाफा देखने को मिला। FY25 की पहली छमाही में ऑर्डरबुक 15 फीसदी बढ़ी। टोटल ऑर्डर फ्लो में नेट न्यू ऑर्डर्स की हिस्सेदारी करीब 74 फीसदी रही, जो FY24 में 61 फीसदी थी। अमेरिका में स्थिति बेहतर होने से आईटी कंपनियों के लिए अनुकूल मौके दिख रहे हैं। ऐसे में तीसरी तिमाही में पर्सिस्टेंट सिस्टम्स का बेहतर प्रदर्शन जारी रहने की उम्मीद है। निवेशक गिरावट आने पर इस स्टॉक में निवेश कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि अभी वैल्यूएशन थोड़ी ज्यादा है।

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