Reliance Industries Result: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपने तिमाही नतीजों का ऐलान कर दिया है। कंपनी की ओर से शानदार नतीजे पेश किए गए हैं। इसके साथ ही रिलायंस की ओर से एक और कीर्तिमान स्थापित किया गया है। दरअसल, रिलायंस पहली ऐसी भारतीय कंपनी बन गई है, जिसने पहली बार प्री-टैक्स प्रॉफिट के रूप में 1 लाख करोड़ रुपये की लिमिट को पार किया है। वित्त वर्ष के लिए नेट प्रॉफिट एक साल पहले की तुलना में सात प्रतिशत बढ़कर 79,020 करोड़ रुपये हो गया है।
इसके अलावा कंपनी ने उपभोक्ता कारोबारों और अपस्ट्रीम कारोबार में लगातार डेवलपमेंट गति से प्रेरित होकर 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड सालाना कंसोलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज किया है। 31 मार्च को समाप्त साल में EBITDA 16.1 फीसदी बढ़कर 1.79 लाख करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के चार मुख्य खंडों- O2C, तेल और गैस, खुदरा, और Jio- ने मजबूत परिचालन प्रदर्शन दिखाया है।
कंपनी का कहना है कि 31 मार्च को समाप्त तिमाही के लिए नेट प्रॉफिट बढ़कर 21,243 करोड़ रुपये हो गया, जो कि उसके मुख्य ऑयल टू केमिकल (ओ2सी) कारोबार में सुधार के कारण एक्सपर्ट्स के अनुमान से बेहतर है। वहीं रिलायंस ने 31 मार्च को समाप्त तीन महीनों में 2.41 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया।
औसतन 10 ब्रोकरेज अनुमानों के आधार पर एक्सपर्ट्स ने 2.39 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर 18,248 करोड़ रुपये के प्रॉफिट का अनुमान लगाया था। 31 मार्च को समाप्त तिमाही में कंसोलिडेटेड EBITDA एक साल पहले की तुलना में 14.3 प्रतिशत बढ़कर 47,150 करोड़ रुपये हो गया।
चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों का अनुभव
नतीजों पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस टैक्स बिफोर प्रॉफिट में 100,000 करोड़ रुपये की सीमा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई। वैश्विक स्तर पर ईंधन की मजबूत मांग और दुनिया भर में रिफाइनिंग प्रणाली में सीमित लचीलेपन ने O2C सेगमेंट के मार्जिन और प्रॉफिटेबिलिटी को सपोर्ट किया। डाउनस्ट्रीम रासायनिक कारोबार ने वर्ष के दौरान तेजी से चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों का अनुभव किया। प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, लागत प्रबंधन को प्राथमिकता देने वाले हमारे ऑपरेटिंग मॉडल के माध्यम से अग्रणी उत्पाद स्थिति और फीडस्टॉक फ्लेक्सिबिलिटी को बनाए रखते हुए हमने एक अच्छा प्रदर्शन दिया।"
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