हफ्ते की शुरुआत स्टॉक इनवेस्टर्स (Stock Investors) के लिए अच्छी नहीं रही। सोमवार को मार्केट में आई गिरावट से इनवेस्टर्स के एक ही झटके में 4 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। सुबह में मार्केट बड़ी कमजोर के साथ खुले। इससे कुछ ही मिनट में इनवेस्टर्स को 3.97 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी।
बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन बीते हफ्ते शुक्रवार को 276.96 लाख करोड़ था। यह सोमवार सुबह घटकर 272.98 लाख करोड़ रुपये रह गया। खास बात यह गिरावट सोमवार को टोक्यो से लेकर मुंबई तक में दिखी। हालांकि, बाजार में गिरावट का अंदाजा पहले से था। लेकिन, इतनी बड़ी गिरावट का अनुमान नहीं था।
इस गिरावट की मुख्य वजहें :
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने यह साफ कर दिया है कि इनफ्लेशन को काबू में करने पर उसका फोकस बना रहेगा। इसका मतलब यह है कि अभी अमेरिका में इंटरेस्ट रेट बढ़ने का सिलसिला जारी रहेगा।
मार्केट को जैक्सन होल सिंपोजियम में फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की स्पीड में मॉनेटरी पॉलिसी पर केंद्रीय बैंक का फोकस बने रहने की उम्मीद थी। लेकिन, पॉवेल ने उम्मीद से ज्यादा सख्त रुख का संकेत दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि केंद्रीय बैंक की सख्ती से परिवारों और कंपनियों को थोड़ी दिक्कत हो सकती है।
माना जा रहा है कि अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में वृद्धि का सिलसिला जारी रहेगा। कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि फेडरल रिजर्व की FOMC की अगली बैठक में इंटरेस्ट रेट 0.75 फीसदी बढ़ाने का ऐलान हो सकता है। इस साल मार्च से अब तक अमेरिकी केंद्रीय बैंक इंटरेस्ट रेट 2.25 फीसदी बढ़ा चुका है।
सोमवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया में गिरावट देखने को मिली। यह 26 पैसे गिरकर 80.10 के स्तर पर आ गया। दूसरे देशों की करेंसीज में भी कमजोरी देखने को मिली। इसकी वजह डॉलर में आई मजबूती है। जेरोम पॉवेल के बयान से डॉलर को मजबूती मिली है। इस साल रुपया करीब 5 फीसदी गिर चुका है। डॉलर में मजबूती जारी रहने पर रुपया पर दबाव बढ़ सकता है।
विदेशी फंड फिर से इंडियन मार्केट में बिकवाली करते दिख रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने 51.12 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। हालांकि, इससे पहले घरेलू शेयर बाजार में उनकी खरीदारी देखने को मिली थी। वे इस महीने की 26 तारीख तक घरेलू बाजार में 49,254 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके है।
शेयर मार्केट में टेक्निकल कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं। एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर निफ्टी 20 दिन के SMA 17,418 से नीचे बंद होता है तो बाजार में कमजोरी की पुष्टि हो जाएगी। आज आई गिरावट के बाद निफ्टी इस लेवल से नीचे चला गया है। इसका मतलब है कि बाजार में कमजोरी है।