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शेयर बाजार अगले 1-2 महीने में छू लेगा बॉटम, फिर आएगी 7 से 8% की तेजी: दिग्गज फंड मैनेजर समीर अरोड़ा

मुंबई में 7 मार्च को आयोजित 'मनीकंट्रोल ग्लोबल वेल्थ समिट 2025' में बोलते हुए समीर अरोड़ा ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार अगले 1-2 महीनों में निचले स्तर पर पहुंच जाएगा और इसके बाद हो सकता है कि हमें 7-8% की बढ़त देखने को मिलेगी। उन्होंने साफ किया कि बाजार में तेजी अचानक (V-शेप) नहीं आएगी, क्योंकि ऐसा उछाल आमतौर पर सरकार की ओर से किए गए बड़े हस्तक्षेप के बाद ही देखने को मिलता है

अपडेटेड Mar 08, 2025 पर 8:09 PM
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समीर अरोड़ा, दिग्गज फंड मैनेजर और हेलिओस कैपिटल (Helios Capital) के फाउंडर

क्या भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर जल्द खत्म होगा? दिग्गज फंड मैनेजर और हेलिओस कैपिटल (Helios Capital) के फाउंडर समीर अरोड़ा का मानना है कि उन्हें अगले एक दो महीने में बाजार के निचले स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। मुंबई में 7 मार्च को आयोजित 'मनीकंट्रोल ग्लोबल वेल्थ समिट 2025' में बोलते हुए समीर अरोड़ा ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार अगले 1-2 महीनों में निचले स्तर पर पहुंच जाएगा और इसके बाद हो सकता है कि हमें 7-8% की बढ़त देखने को मिलेगी।

लेकिन क्या ये तेजी V-शेप में आएगी?

उन्होंने साफ किया कि बाजार में तेजी अचानक (V-शेप) नहीं आएगी, क्योंकि ऐसा उछाल आमतौर पर सरकार की ओर से किए गए बड़े हस्तक्षेप के बाद ही देखने को मिलता है।

स्मॉल और मिडकैप शेयरों में गिरावट पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि निवेशकों को गिरावट की सीमा के बजाय मंदी की अवधि पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, "सिर्फ़ 10 प्रतिशत शेयरों में ही बेयर मार्केट का माहौल है, जिसका मतलब है कि 90 प्रतिशत बाजार ठीक है।"


समीर अरोड़ा ने कहा कि हम मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर अधिक फोकस कर रहे हैं। भारतीय शेयर बाजार को लेकर असल चर्चा, निफ्टी 500 इंडेक्स के इर्द-गिर्द घूमनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों में, भारतीय शेयर बाजार ने औसतन पये के लिहाज से औसतन 15 प्रतिशत और डॉलर के लिहाज से लगभग 11-12 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया है, जिससे ग्लोबल मार्केट्स में भारत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है।

अमेरिकी बाजारों से बाहर निकले समीर अरोड़ा

उन्होंने बताया कि उन्होंने गूगल और एमेजॉन जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयर बेच दिए हैं, क्योंकि वहां बाजार में बहुत ज्यादा अनिश्चितता (Uncertainty) बनी हुई है। दिग्गज फंड मैनेजर ने कहा, "अमेरिका में टैरिफ, डिपोर्टेशन, सरकारी कर्मचारियों की छंटनी जैसी कई परेशानियां हैं, जिससे बाजार को लेकर बहुत भ्रम की स्थिति बनी हुई है।"

सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट

पिछले साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुंचने के बाद से बीएसई सेंसेक्स में 11,940.22 अंक या 13.88 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। वहीं निफ्टी 50 में उसी दिन 26,277.35 के बनाए अपने रिकॉर्ड शिखर से 3,812.6 अंक या 14.5 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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