Trump tariffs : वॉल स्ट्रीट की 1 महीने से चली आ रही शांति शुक्रवार को समाप्त हो गई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका में आने वाले "चीनी उत्पादों पर टैरिफ में भारी बढ़त" की धमकी के बाद अमेरिकी शेयरों में छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। एसएंडपी 500 इंडेक्स में 2.7 फीसदी की गिरावट के बाद इसकी साप्ताहिक बढ़त खत्म हो गई। 10 अक्टूबर 10 अप्रैल के बाद का इसका सबसे खराब दिन था। कल टैरिफ टेंशन के चलते आई बिकवाली ने वित्तीय बाजारों को हिलाकर रख दिया।
कल नैस्डैक 100 इंडेक्स 3.5 फीसदी गिर गया। मैग्निफिसेंट सेवन कंपनियों के शेयरों में 3.8% की गिरावट देखने को मिली। इसमें टेस्ला इंक और अमेज़न डॉट कॉम इंक के शेयरों में सबसे ज़्यादा गिरावट आई। जबकि एनवीडिया कॉर्प में लगभग 5% की गिरावट दर्ज की गई।
वॉल स्ट्रीट का मेन फियर इंडेक्स सीबीओ वोलैटिलिटी इंडेक्स या वीआईएक्स, अप्रैल के बाद पहली बार 20 से ऊपर पहुंच गया। यह एक ऐसा स्तर है जो आमतौर पर बाजार में बढ़ते तनाव का संकेत होता है।
ट्रंप द्वारा हाल ही में रेयर अर्थ मिनिरल्स पर "शत्रुतापूर्ण" निर्यात नियंत्रणों का हवाला देते हुए कहा गया कि इस माहौल में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की "कोई वजह नहीं" हैं। इसके चलते चीन और अमेरिका के बीच ट्रेडवॉर बढ़ने के डर बढ़ गया है। इससे साथ निवेशक जोखिम वाले निवेश विकल्पों से दूर होते दिखे। ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका चीनी उत्पादों पर लगने वाले टैरिफ में भारी बढ़त कर सकता है। इसके अलावा चीन के खिलाफ कई और तरीके भी अपना सकता है।
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते तनाव के कारण वॉल स्ट्रीट में बड़ी गिरावट आई। एसएंडपी 500 इंडेक्स के 420 से अधिक शेयरों में गिरावट आई( 84%)। एसएंडपी 500 के 11 में से 10 सेक्टरों में गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह टेक्नोलॉजी शेयरों में आई गिरावट रही। दूसरी तरफ डिफेंसिव समझा जाने वाला कंज्यूमर स्टेपल्स एकमात्र बढ़त वाला इंडेक्स रहा। इस सेक्टर में शामिल पेप्सिको इंक, एसएंडपी 500 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला शेयर रहा। इसमें 3.7 फीसदी की बढ़त देखने को मिली।