IT Stocks: भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में आज 22 सितंबर को भारी गिरावट देखने को मिली। परसिस्टेंट सिस्टम्स, टेक महिंद्रा, LTIमाइंडट्री, एमफैसिस और कोफोर्ज जैसी मिडकैप आईटी कंपनियों के शेयर 3% से लेकर 6% तक टूट गए। वहीं, TCS, Infosys और HCLTech जैसे लार्जकैप आईटी शेयरों में भी 2% से अधिक की गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट हाल ही में अमेरिका के H-1B वीजा नियमों में हाल में किए गए बदलाव के बाद आई है।
अमेरिकी व्हाइट हाउस ने रविवार को एक बयान में बताया कि H-1B वीजा के आवेदन के लिए अब कंपनियों को $1,00,000 (करीब 88 लाख रुपये) की भारी-भरकम फीस चुकानी होगी। हालांकि यह नियम केवल नए आवेदनों के लिए लागू होगा, न कि 21 सितंबर से पहले दाखिल किए गए आवेदनों या रिन्यूअल वीजा पर।
हालांकि परसिस्टेंट सिस्टम्स, एमफैसिस और कोफोर्ज जैसी अधिकतर आईटी कंपनियों ने शेयर बाजारों को भेजे बयान में बताया है कि इस नए नियम का उनका उनके बिजनेस पर बहुत कम असर पड़ेगा।
Nifty IT इंडेक्स में दिसंबर 2024 में के रिकॉर्ड हाई स्तर से अब तक करीब 22 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। Infosys और HCLTech जैसे दिग्गज शेयर इस दौरान करीब 20% से 30% तक टूट चुके हैं। H-1B वीजा फीस में बढ़ोतरी ने आईटी कंपनियों के लिए चिंता और बढ़ाई है।
क्या यह खरीदारी का मौका है?
एक्सिस कैपिटल के माणिक तनेजा का मानना है कि आईटी शेयरों में यह गिरावट कुछ चुनिंदा शेयरों में निवेश बढ़ाने का मौका दे सकती है। उन्होंने आईटी सेक्टर में विप्रो, इंफोसिस, सैजिलिटी और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज को अपनी पसंदीदा कंपनियों में शामिल किया।
तनेजा ने कहा कि पर्सिस्टेट सिस्टम्स के ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) पर नए वीजा नियमों पर पर 7% से 8% का असर दिखाई देता है। वहीं टेक महिंद्रा के लिए यह करीब 4% का हो सकता है।
तनेजा ने कहा, "मैं कहूंगा कि अगर आज शेयरों में बहुत तेज गिरावट आती है, तो शायद यह इन नामों को जोड़ने का मौका मिल सकता है। H-1B वीजा से जुड़ी मौजूदा चुनौती के अलावा आईटी सेक्टर के सामने ग्रोथ रफ्तार में सुस्ती की भी समस्या है। ग्लोबल आर्थिक हालातों को देखते हुए CY26/FY27 की संभावनाओं को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है।"
नोमुरा ने तनेजा से मिलीजुली राय देते हुए अपनी रिपोर्ट में दोहराया कि इन शेयरों में कोई भी तेज गिरावट निवेश बढ़ाने का एक मौका होगी। ब्रोकरेज ने लार्जकैप आईटी सेक्टर में इंफोसिस और कॉग्निजेंट को अपना पसंदीदा शेयर बताया। वहीं मिडकैप आईटी शेयरों में उसने कोफोर्ज और फर्स्टसोर्स को चुना है।
फिलहाल Nifty IT इंडेक्स के सभी शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। टेक महिंद्रा के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, कोफोर्ज, LTIMindtree और एमफैसिस जैसे मिडकैप आईटी कंपनियों में भी लगभग इतनी ही गिरावट आई है। TCS और Infosys जैसी लॉर्जकैप कंपनियां शुरुआती गिरावट से धीरे-धीरे रिकवरी की कोशिश कर रहे हैं।
कुल मिलाकर, H-1B नियमों का असर सीमित बताया जा रहा है, लेकिन आईटी सेक्टर की सुस्त ग्रोथ और ग्लोबल मैक्रो चुनौतियां निवेशकों की चिंता बढ़ा रही हैं।
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