Zerodha के नितिन कामत ने कहा-इस गिरावट ने रिटेल इनवेस्टर्स को कई बातें सिखाई हैं

Nithin Kamath: नितिन कामत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बुल रन की वजह से मार्केट का तेजी से विस्तार हुआ है। जो चीजें आम तौर पर 10-15 साल में होती हैं वे सिर्फ 4-5 सालों में हो गईं। हालांकि, अब मार्केट में रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी कम हो रही है। अक्टूबर से फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में एक्टिविटी घटी है

अपडेटेड Mar 27, 2025 पर 2:21 PM
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नितिन कामत ने कहा कि फ्यूचर्स सेगमेंट में आधे क्लाइंट्स पैसे डूबा रहे हैं, जबकि आधे प्रॉफिट बना रहे हैं। लेकिन, ऑप्शंस की बात की जाए तो रिटेल इनवेस्टर्स के पार्टिसिपेशन और मार्केट एक्टिविटी दोनों में कमी आई है।

जीरोधा के को-फाउडर नितिन कामत ने कहा है कि बीते 4-5 सालों में मार्केट में जबर्दस्त तेजी देखने को मिली। करीब एक दशक की तेजी कुछ ही सालों में सिमट गई। इसमें कोविड का बड़ा हाथ है। रिटेल इनवेस्टर्स की मार्केट में एंट्री हुई। इससे मार्केट में रिटेल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। सीएनबीसी आवाज से बातचीत में उन्होंने स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट के बारे में कई अहम बातें बताईं।

10-15 साल की तेजी सिर्फ 4-5 सालों में आई

Nithin Kamath ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बुल रन (Bull Run) की वजह से मार्केट का तेजी से विस्तार हुआ है। जो चीजें आम तौर पर 10-15 साल में होती हैं वे सिर्फ 4-5 सालों में हो गईं। हालांकि, अब मार्केट में रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी कम हो रही है। हालिया ट्रेंड से इसका पता चलता है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर से फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में एक्टिविटी घटी है। इससे ट्रेडिंग वॉल्यूम और इनवेस्टर्स को हो रहे लॉस में भी कमी आई है।


ऑप्शंस को झट से कमाई का जरिया मानते हैं कई लोग

उन्होंने कहा कि फ्यूचर्स सेगमेंट में आधे क्लाइंट्स पैसे डूबा रहे हैं, जबकि आधे प्रॉफिट बना रहे हैं। लेकिन, ऑप्शंस की बात की जाए तो रिटेल इनवेस्टर्स के पार्टिसिपेशन और मार्केट एक्टिविटी दोनों में कमी आई है। ऑप्शंस को जल्द प्रॉफिट कमाने का जरिया माना जाता है। लेकिन, यह सच नहीं है। यही वजह है कि ऑप्शन सेगमेंट में बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स को लॉस होता है। रिटेल एक्टिविटी से मार्केट के प्रदर्शन के बारे में संकेत मिलता है।

नए इनवेस्टर्स पहली बार ऐसी गिरावट देख रहे हैं

कामत ने कहा कि बीते 4-5 सालों में बुल रन देखने को मिला। इससे मार्केट में गतिविधियां बढ़ गईं। अब पहली बार हम इस तरह का बेयर मार्केट देख रहे हैं। इस गिरावट ने नए इनवेस्टर्स को कई बातें सिखाई हैं। ज्यादातर नए इनवेस्टर्स एक जैसी गलतियां करते हैं। वे पेनी स्टॉक्स में निवेश करते हैं। उनके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन का अभाव दिखता है। सबसे खास यह कि उनका निवेश शॉर्ट टर्म के लिए होता है। मार्केट में तेज गिरावट आने पर सबसे ज्यादा असर रिटेल इनवेस्टर्स पर पड़ता है। नए इनवेस्टर्स तो मार्केट से दूर हो जाते हैं।

जीरोधा का लिस्टिंग का कोई प्लान नहीं

जीरोधा की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के प्लान के बारे में भी कामत ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अभी लिस्टिंग का कोई प्लान नहीं है। इसकी वजह यह है कि अभी जीरोधा को फंड की जरूरत नहीं है। हम अतिरिक्त स्क्रूटनी भी नहीं चाहते। स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के बाद कंपनी को कई तरह के कंप्लायंस का पालन करना पड़ता है। सूचीबद्ध कंपनियों पर रेगुलेटर की भी निगाहें रहती हैं।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Mar 27, 2025 1:53 PM

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