भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए शनिवार से वैक्सीनेशन महाभियान का शुभारंभ हो गया है। पहले चरण में डॉक्टरों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। इस बीच, वैक्सीनेशन अभियान के शुरू होते ही इस पर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। कांग्रेस ने कोरोना वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। वैक्सीनेशन अभियान आरंभ होने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर सवाल खड़े करते हुए शनिवार को दावा किया कि टीकों के इमरजेंसी उपयोग की स्वीकृति देने के लिए कोई नीतिगत ढांचा नहीं है।
कांग्रेस सांसद ने ट्वीट किया, वैक्सीनेशन आरंभ हो गया है और यह अजीबो-गरीब है कि भारत के पास आपात उपयोग को अधिकृत करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो टीकों के इमरजेंसी स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (COVAXIN) की अलग ही कहानी है। इसे उचित प्रक्रिया के बिना अनुमति दी गई।
साथ ही मनीष तिवारी ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में आगे कहा कि यदि वैक्सीन इतना सुरक्षित और विश्वसनीय है और वैक्सीन की प्रभावकारिता सवाल से परे है तो फिर यह कैसे हो सकता है कि सरकार का एक भी अधिकारी खुद को टीकाकरण के लिए आगे क्यों नहीं सामने आया है, यह दुनिया भर के अन्य देशों में हुआ है? इससे पहले भी तिवारी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि COVAXIN का तीसरे चरण का ट्रायल ही चल रहा है और सरकार ने इसी वैक्सीन को लगवाने जा रही है क्या भारतीय नागरिक गिनी पिग हैं?
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण (India Covid-19 Vaccination Drive) अभियान की शुरुआत की। गौरतलब है कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3,006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जाएगी।
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