अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार भारत की आईटी कंपनियों को एक और झटका देने की तैयारी कर रही है। ट्रंप सरकार ने पहले H-1B वीजा की फीस को करीब सौ गुना बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया। आईटी कंपनियां अभी इस समस्या से जूझ ही रही हैं, कि अब उन्होंने इस पूरा वीजा आवंटन की प्रक्रिया को ही बदलने का प्रस्ताव रख दिया है। यह नया प्रस्ताव भारतीय आईटी कंपनियों के आउटसोर्सिंग हायरिंग मॉडल को सीधा नुकसान पहुंचा सकता है। इसके चलते आज 24 सितंबर को अधिकतर आईटी कंपनियों के शेयर दबाव के साथ कारोबार करते हुए दिखाई दिए। निफ्टी आईटी इंडेक्स कारोबार के दौरान 0.7 फीसदी से अधिक टूटकर 34,857.70 के स्तर पर आ गया। यह इसका पिछले दो हफ्तों का सबसे निचला स्तर है। निफ्टी आईटी इंडेक्स के 10 में 9 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। H-1B वीजा सिस्टम को लेकर अमेरिका का यह नया प्रस्ताव क्या कहता है? आईटी कंपनियों के लिए यह क्यों झटका माना जा रहा है? और मार्केट एक्सपर्ट्स का इसे लेकर क्या कहना है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।