Insurance: आजकल फिटनेस को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। बड़े शहर ही नहीं, छोटे कस्बों तक में जिम खुल रहे हैं और लोग वर्कआउट करने के लिए घंटों पसीना बहा रहे हैं। लेकिन अक्सर जिम में चोट लगने की खबरें भी सामने आती रहती हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या इन चोटों का इलाज हेल्थ इंश्योरेंस से कवर होता है?
जवाब है– हां। ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में अचानक लगी जिम इंजरी को एक्सीडेंटल हॉस्पिटलाइजेशनके तहत कवर किया जाता है। यानी, अगर डंबल गिरने से, मशीन से कट लगने पर या किसी मसल स्ट्रेन और फ्रैक्चर की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़े, तो उसका इलाज इंश्योरेंस कंपनी करवाती है।
कब मिल सकता है क्लेम और कब हो सकता है रिजेक्ट?
Choice Insurance Broking के चीफ ग्रोथ ऑफिसर राजेंद्र उपाध्याय के मुताबिक सामान्य जिम इंजरी ज्यादातर पॉलिसी में शामिल होती हैं। लेकिन अगर चोट डॉक्टर की सलाह के खिलाफ एक्सरसाइज करने, स्टेरॉइड्स या ड्रग्स लेने की वजह से हुई है, तो क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है।
किस तरह का इलाज कवर होता है?
अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत वाली इंजरी।
कई पॉलिसी अब डेकेयर ट्रीटमेंट यानी 24 घंटे से कम वाले इलाज को भी कवर कर रही हैं।
हालांकि, प्रोफेशनल और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे बॉडीबिल्डिंग कॉम्पिटीशन, मैराथन या बॉक्सिंग की चोटों पर कवर नहीं मिलता।
कैशलेस ट्रीटमेंट का फायदा
अगर जिम में हादसा हो जाए और पॉलिसी वाले नेटवर्क अस्पताल में भर्ती किया जाए, तो कैशलेस ट्रीटमेंट भी मिल सकता है।
ACKO हेल्थ इंश्योरेंस: जिम और स्पोर्ट्स इंजरी को एक्सीडेंटल इंजरी के तहत कवर करता है, साथ ही एम्बुलेंस चार्ज भी शामिल हैं।
Bajaj Allianz: जिम इंजरी पॉलिसी के नाम से सस्ती प्रीमियम वाली पॉलिसी देता है, जिसमें 2 लाख रुपये तक का कवर मिलता है। अगर आप रेगुलर जिम जाते हैं, तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के एक्सीडेंटल कवरेज की डिटेल जरूर पढ़ें। जरूरत हो तो पर्सनल एक्सीडेंटल कवर या स्पेशल जिम पॉलिसी लें। इससे चोट लगने पर आपको इलाज का बड़ा खर्च खुद नहीं उठाना पड़ेगा।