कर्नाटक हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की सेक्शन 44AB के तहत टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR) फाइल करने की तारीख एक महीने बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी है। यह आदेश कर्नाटक स्टेट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (KSCAA) की याचिका पर आया है। इसमें टैक्स ऑडिट की समयसीमा बढ़ाने की मांग की गई थी।
इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने भी डेडलाइन एक महीने बढ़ाने का आदेश दिया है। जोधपुर बेंच के जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस बिपिन गुप्ता ने नोट किया कि CBDT ने बीते वर्षों में ऐसी ही रियायतें दी हैं। यह अंतरिम आदेश Tax Bar Association, Jodhpur की याचिका पर आया। देश के अलग-अलग हाईकोर्ट्स में इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।
किन टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत?
कर्नाटक और राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश फिलहाल केवल राजस्थान और कर्नाटक में ही लागू होंगे, जब तक कि CBDT कोई पैन-इंडिया नोटिफिकेशन जारी नहीं करता। SBHS Associates के फाउंडिंग पार्टनर हिमांक सिंघल के अनुसार, 'चूंकि यह आदेश राजस्थान और कर्नाटक हाईकोर्ट का है, इसलिए यह वहीं ही लागू होगा। अगर CBDT सुप्रीम कोर्ट में अपील या रिव्यू याचिका दाखिल करता है तो स्थिति बदल सकती है। हम पैन-इंडिया CBDT नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं।'
किसको टैक्स ऑडिट कराना होगा?
इनकम टैक्स सेक्शन 44AB के तहत, जिन व्यवसायों का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें टैक्स ऑडिट कराना जरूरी है। अगर 95% से ज्यादा लेन-देन डिजिटल है तो यह सीमा 10 करोड़ रुपये है।
फ्रीलांसर और पेशेवर जैसे डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें भी टैक्स ऑडिट कराना होगा।
सेक्शन 44ADA जैसी अनुमानित कराधान योजना में टैक्सपेयर को पूरी तरह छूट नहीं हैं; अगर वे निर्धारित दर से कम मुनाफा दिखाते हैं, तो टैक्स ऑडिट अनिवार्य हो जाता है।
टैक्स ऑडिट फाइल करने की डेडलाइन
टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 है। अगर इसे समय पर फाइल नहीं किया गया तो दंड टर्नओवर का 0.5% या ₹1.5 लाख, जो भी कम हो, लगाया जा सकता है। टैक्स ऑडिट रिपोर्ट एक डॉक्यूमेंट है, जो बड़ी कंपनियों और प्रोफेशनल्स को अपने अकाउंट्स की सही जांच दिखाने के लिए फाइल करनी होती है।