हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।
पर्सनल लोन इमरजेंसी, शादी, घर की रेनोवेशन या ड्रीम वेकेशन सहित कई दूसरे कामों को पूरा करने के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसके लिए कोई भी चीज गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है. लेकिन लोन लेने से पहले कुछ जरूरी बातें समझ लेना बेहद जरूरी है, वरना बाद में दिक्कत हो सकती है.
आप मनीकंट्रोल के जरिए भी 50 लाख रुपए तक का इंस्टेंट पर्सनल लोन बिना किसी पेपरवर्क के हासिल कर सकते हैं. यहां पूरी तरह डिजिटल प्रोसेस है और हाई प्रोसेसिंग फीस भी नहीं है. यहां इंटरेस्ट रेट 10.5% प्रति वर्ष से शुरू होता है और पैसे सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं.
सूची
टॉप बैंकों/ NBFCs से ₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएं, वो भी बिना किसी कागजी प्रक्रिया के !
लोन लेना आसान है, लेकिन चुकाना नहीं. ये एक लॉन्ग-टर्म कमिटमेंट होता है, जिसमें हर महीने EMI के तौर ओर चुकाना होता है. इसलिए लोन लेने से पहले यह सोचें कि क्या आप मौजूदा फाइनेंशियल हालात में इसकी EMI आराम से मैनेज कर सकते हैं? वरना आपका बजट गड़बड़ा सकता है और क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ सकता है.
आजकल लेंडर्स बहुत सारी फ्लेक्सिबल ऑप्शन दे रहे हैं, लेकिन हर ऑफर अच्छा हो, ऐसा जरूरी नहीं है. इंटरेस्ट रेट, प्रोसेसिंग फीस, रीपेमेंट टर्म्स और हिडन चार्जेस जैसे सभी पॉइंट्स को ध्यान से पढ़ें. हर लोन की टोटल कॉस्ट और उसमें मिलने वाली फ्लेक्सिबिलिटी समझें.
पर्सनल लोन में किसी चीज को गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए इंटरेस्ट रेट ज्यादा हो सकता है. इंटरेस्ट रेट में थोड़े से फर्क से भी लोन की कुल लागत पर बड़ा असर पड़ सकता है. अच्छे क्रेडिट स्कोर और फाइनेंशियल प्रोफाइल वाले लोगों को कम रेट मिल सकता है. मनीकंट्रोल पर आप 8 लेंडर्स से 50 लाख रुपए तक का इंस्टेंट लोन ले सकते हैं, जिसमें रेट 10.5% प्रति वर्ष से शुरू होते हैं और कोई हिडन फीस नहीं होती है.
लोन लेने से पहले ये जरूर देखें कि आपकी इनकम और क्रेडिट स्कोर लेंडर की शर्तों के मुताबिक है या नहीं. इनकम और क्रेडिट स्कोर जितना ज्यादा होगा, लोन मिलने की संभावनाएं उतनी बढ़ जाएंगी और शर्तें भी बेहतर मिल सकती हैं.
750 से ऊपर का स्कोर 'एक्सीलेंट' माना जाता है और इससे आपको सबसे अच्छे ऑफर्स मिलने की संभावना होती है. स्कोर कम होने पर लोन मिलना मुश्किल हो सकता है. इसलिए लोन अप्लाई करने से पहले अपना स्कोर चेक करें और जरूरत हो तो उसे सुधारें.
लोन लेते वक्त सिर्फ इंटरेस्ट रेट ही नहीं, प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्ज, लेट पेमेंट पेनल्टी जैसी चीजों पर भी ध्यान दें. ये सब मिलकर आपकी EMI और ओवरऑल खर्च को बढ़ा सकते हैं.
अगर आप लोन जल्दी चुकाना चाहते हैं तो यह जानना जरूरी है कि क्या लेंडर आपको बिना एक्स्ट्रा चार्ज के ऐसा करने देता है या नहीं. कई बार लोन जल्दी चुकाने पर भी पेनल्टी लगती है.
एक बार लोन ले लिया तो हर महीने EMI समय पर देनी होगी. लेट पेमेंट से न सिर्फ पेनल्टी लगेगी, बल्कि स्कोर पर भी बुरा असर पड़ेगा. रेगुलर पेमेंट से क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर बनती है.
लंबा टेन्योर EMI को भले ही कम कर देता है, लेकिन इससे इंटरेस्ट ज्यादा देना पड़ता है. अगर आप थोड़ा ज्यादा EMI अफोर्ड कर सकते हैं तो छोटा टेन्योर रखें. इससे लोन जल्दी खत्म होगा और पैसे भी बचेंगे.
₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएं
पर्सनल लोन लेना आसान है और सही जानकारी और सही प्लानिंग से ही आप इसे अच्छे से मैनेज कर सकते हैं. ये 9 टिप्स आपको बिना किसी झंझट के लोन लेने और उसे समय पर चुकाने में मदद करेंगे.
Top बैंकों/ NBFCs से
तक का इंस्टेंट लोन पाएं
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।