कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक महत्वपूर्ण बचत योजना है जो नौकरीपेशा कर्मचारियों के रिटायरमेंट के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। लेकिन जब कोई कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़ देता है या ऐसी नौकरी करता है जहां EPF की कटौती नहीं होती, तो अकाउंट में योगदान बंद हो जाता है। ऐसे मामलों में आपके EPF खाते के साथ क्या होता है, इसे समझना बेहद जरूरी है ताकि आपकी बचत सुरक्षित रहे और आपको टैक्स या अन्य परेशानियों का सामना न करना पड़े।
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि EPF में योगदान बंद होने के बाद भी आपका खाता कुछ समय तक सक्रिय रहता है और उस अवधि में जमा राशि पर ब्याज मिलता रहता है। अगर खाते में लगातार 36 महीने (3 साल) तक कोई योगदान नहीं होता है, तो आपका खाता निष्क्रिय (Inactive) हो जाता है। इस अवधि के बाद, उस खाते पर नया ब्याज नहीं जुड़ता। लेकिन आपकी जमा राशि सुरक्षित रहती है, और आप इसे अपने पात्रता नियमों के अनुसार निकाल सकते हैं।
यदि आप 2 महीने से ज्यादा बेरोजगार हैं, तो आप अपना EPF निकाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए ध्यान रखें कि यदि आपने पांच साल की लगातार सेवा पूरी नहीं की है तो निकासी के समय आपको टैक्स देना पड़ सकता है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के योगदान के साथ उस पर मिले ब्याज को आपकी आय के तहत टैक्स दायरे में लाया जा सकता है। वहीं, यदि आप पैसे को खाते में रहने देते हैं और वह ब्याज कमाता रहता है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता।
नौकरी बदलने पर अपना EPF खाता बंद करने से बचें। इसके बजाय, यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) की मदद से अपने सभी EPF खातों को जोड़कर बैलेंस ट्रांसफर करना बेहतर होता है। इससे आपकी सेवा की जानकारी एक जगह रहती है, टैक्स में राहत मिलती है और आपकी बचत लगातार बढ़ती रहती है।
ध्यान रखें कि EPF में योगदान न करने से आपकी लम्बी अवधि की बचत और रिटायरमेंट फंड कमजोर हो सकता है। पुराने या निष्क्रिय खातों को निकालना बाद में मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर आपकी KYC या बैंक डिटेल्स अपडेट नहीं हैं। इसलिए समय-समय पर अपने EPF खाते की जानकारी अपडेट करते रहें और यदि आपके पास कई खाते हैं, तो उन्हें जोड़कर एक करें।