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Chitragupta Puja 2025 Samagri: आज चित्रगुप्त पूजा की सामग्री में जरूर शामिल करें ये चीजें, इनके बिना अधूरी है ये पूजा

Chitragupta Puja 2025 Samagri: आज ही के दिन भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति ब्रह्मा जी से हुई थी। वह संसार के सभी प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। उन्हें धर्मराज का सहायक होने के साथ ही देवताओं का लेखपाल भी कहा जाता है। आज के दिन पूजा सामग्री विशेष होती है आइए जानें इसके बारे में

अपडेटेड Oct 23, 2025 पर 11:27 AM
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आज के दिन पूजा में कुछ सामग्री के बिना आज की पूजा सफल नहीं मानी जाती है।

Chitragupta Puja 2025 Samagri: पांच दिनों के दीपावली पर्व का आज अंतिम दिन है। इसी दिन कायस्थ समाज के लोग अपने इष्टदेव भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है और आज के दिन चित्रगुप्त पूजा के साथ भाई दूज भी किया जाता है। चित्रगुप्त पूजा साल में दो बार की जाती है, एक बार चैत्र में होली के बाद और एक बार कार्तिक शुक्ल पक्ष में दीपावली के बाद।

आज के दिन प्रकट हुए थे भगवान चित्रगुप्त

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज ही के दिन भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति ब्रह्मा जी से हुई थी। वह संसार के सभी प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। उन्हें धर्मराज का सहायक होने के साथ ही देवताओं का लेखपाल भी कहा जाता है। आज के दिन विधि-विधान से इनकी पूजा करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त होकर वैकुंठ में स्थान पाता है।

कलम-दवात की पूजा का महत्व

चित्रगुप्त पूजा को मस्याधार पूजा भी कहते हैं, क्योंकि आज के दिन कलम-दवात की पूजा विशेष रूप से की जाती है। ऐसा माना जाता है कि चित्रगुप्त महाराज अपनी कलम-दवात से सभी जीवों के कर्मों का विवरण लिखते हैं और उनके जीवन-मृत्यु का हिसाब-किताब करते हैं।

पूजा सामग्री


आज के दिन पूजा में कुछ सामग्री होना बहुत जरूरी होता है, जिसके बिना आज की पूजा सफल नहीं मानी जाती है। आइए जानें इसके बारे में

  • भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या मूर्ति
  • सफेद कागज, कलम, दवात खाताबही
  • पीले वस्त्र, अक्षत
  • फूल, माला,
  • चंदन, कपूर
  • तुलसी के पत्ते, गंगाजल
  • फल, मिठाई,
  • पान, हल्दी
  • सुपारी, तिल और पीली सरसों

पूजा विधि

  • आज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद पूजास्थल की अच्छे से साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
  • परिवार के लोग एकसाथ मिलकर पूजा करें।
  • एक वेदी पर भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें।
  • चित्रगुप्त जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और पंचामृत अर्पित करें।
  • इसके साथ पूजा में हल्दी, चंदन, फूल के साथ-साथ भोग के रूप में फल और मिठाई अर्पित करें।
  • एक साथ सफेद कागज पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।
  • इस कागज पर पांच देवी-देवताओं के नाम जैसे - श्री गणेश जी सहाय नमः, श्री चित्रगुप्त जी सहाय नमः, श्री सर्वदेवता सहाय नमः आदि लिखें।
  • चित्रगुप्त जी की कथा का पाठ करें और आरती करें।
  • पूजा के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटें।

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