Chitragupta Puja 2025 Samagri: पांच दिनों के दीपावली पर्व का आज अंतिम दिन है। इसी दिन कायस्थ समाज के लोग अपने इष्टदेव भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है और आज के दिन चित्रगुप्त पूजा के साथ भाई दूज भी किया जाता है। चित्रगुप्त पूजा साल में दो बार की जाती है, एक बार चैत्र में होली के बाद और एक बार कार्तिक शुक्ल पक्ष में दीपावली के बाद।
आज के दिन प्रकट हुए थे भगवान चित्रगुप्त
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज ही के दिन भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति ब्रह्मा जी से हुई थी। वह संसार के सभी प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। उन्हें धर्मराज का सहायक होने के साथ ही देवताओं का लेखपाल भी कहा जाता है। आज के दिन विधि-विधान से इनकी पूजा करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त होकर वैकुंठ में स्थान पाता है।
कलम-दवात की पूजा का महत्व
चित्रगुप्त पूजा को मस्याधार पूजा भी कहते हैं, क्योंकि आज के दिन कलम-दवात की पूजा विशेष रूप से की जाती है। ऐसा माना जाता है कि चित्रगुप्त महाराज अपनी कलम-दवात से सभी जीवों के कर्मों का विवरण लिखते हैं और उनके जीवन-मृत्यु का हिसाब-किताब करते हैं।
आज के दिन पूजा में कुछ सामग्री होना बहुत जरूरी होता है, जिसके बिना आज की पूजा सफल नहीं मानी जाती है। आइए जानें इसके बारे में