Utpanna Ekadashi Time Date 2025: राहुकाल देखकर करें उत्पन्ना एकादशी की पूजा, इस दिन ये गलती करने से बचें

Utpanna Ekadashi Time Date 2025: हिंदू धर्म में अगहन मास का अहम स्थान है। इसे सभी महीनों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस माह में आने वाली उत्पन्ना एकादशी भी विशेष स्थान रखती है। इस दिन राहुकाल देखकर पूजा करनी चाहिए और तुलसी से जुड़े कुछ काम करने से बचना चाहिए।

अपडेटेड Nov 13, 2025 पर 10:23 AM
Story continues below Advertisement
बृहस्पति नए साल की शुरुआत में ही चंद्रमा के साथ युति करके गजकेसरी राजयोग का निर्माण करेंगे।

Utpanna Ekadashi Time Date 2025: उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु और एकादशी माता की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इसी दिन एकादशी माता की उत्पत्ति हुई थी और उन्हें मुर नाम के राक्षस का संहार किया था। ये व्रत हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। इस साल 15 नवंबर के दिन उत्पन्ना एकादशी पड़ रही है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा होती है। इसे भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने से जातक के सभी पाप नष्ट हो सकते हैं। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी पर पूजा के मुहूर्त, विधि, उपाय और व्रत पारण का समय

राहुकाल के बाद ही करें पूजा

पंचांग के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी के दिन राहुकाल सुबह 09:25 बजे से सुबह 10:45 बजे तक रहेगा। इस समय कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। एकादशी पर रात 11:34 बजे तक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा, जिसके बाद हस्त नक्षत्र रहेगा।

पारण समय : 16 नवंबर को दोपहर 01:10 बजे से 03:18 बजे तक

हरि वासर खत्म होने का समय : सुबह 09:09 बजे

तुलसी माता जल अर्पित न करें


धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी तिथि पर तुलसी माता निर्जला व्रत करती हैं। इसलिए एकादशी के दिन तुलसी में जल देने की मनाही है। तुलसी में जल देने से तुलसी माता का व्रत खंडित हो सकता है। साथ ही तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस गलती को करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।

होगी धन की कमी

मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाली जगह पर होता है। इसलिए एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी के पास गंदगी होने से घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है और जीवन में धन की कमी का सामना करना पड़ता है।

पूजा विधि

  • स्नान करने के बाद मंदिर की साफ सफाई करें।
  • भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें।
  • प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें।
  • अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें।
  • मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
  • संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें।
  • उत्पन्ना एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें।
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
  • पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें।
  • प्रभुको तुलसी दल सहित भोग लगाएं।

Chandra-Ketu Ki Yuti: आज सिंह राशि में बनेगा खतरनाक ग्रहण योग, तीन राशि वाले रखें अपना ध्यान

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।