Diwali Kab hai 2025: दीपावली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। अंधेरे पर उजाले की जीत के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व पर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन सरस्वती माता और कुबेर जी की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से घर में शुभता आती है और सुख-समृद्धि का वास होता है। मां लक्ष्मी के स्वागत के लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, दीयों और रंगोली से घर को सजाते हैं और नए बर्तन, गहनों या सिक्कों की पूजा करते हैं। घर-परिवार और पड़ोसियों में तोहफे देते हैं और सबके साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं।
दिवाली की सही तारीख पर भ्रम
इस साल दीपावली की सही तारीख को लेकर लोगों में काफी भ्रम है। दरअसल हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस तिथि में सूर्योदय होता है त्योहार उस तिथि में मनाया जाता है। लेकिन इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद लग रही है। उदया तिथि 21 अक्टूबर पर मिल रही है। मगर, दिवाली के त्योहार में लक्ष्मी-गणेश की पूजा प्रदोष काल में शुभ मानी जाती है। यह स्थिति 21 अक्टूबर को नहीं बन रही है।
साल 2025 में दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। काशी विद्वत परिषद के मुताबिक, शास्त्रों और पांडुलिपियों में दी गई व्यवस्था के अनुसार उस दिन प्रदोष काल में तिथि पूरी तरह व्यापत है जो कि पूजा करने के लिए अनुकूल मानी जाती है। इसके अलावा, 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि तो रहेगी लेकिन पूजा का शुभ मुहूर्त नहीं होगा।
ज्योतिष गणना के अनुसार 20 अक्टूबर को ही पूर्ण प्रदोष काल तिथि मिल रही है। वहीं, 21 अक्टूबर को तीन प्रहर से अधिक अमावस्या और साढ़े तीन प्रहर से अधिक वृद्धि गामिनी प्रतिपदा होने के कारण नक्त व्रत पारण का काल (जो लक्ष्मी पूजन का आवश्यक अंग है) उस दिन उपलब्ध नहीं हो रहा है। इसी कारण परिषद ने सर्वसम्मति से 20 अक्टूबर को ही दीपावली पर्व मनाने का निर्णय लिया है।
तो क्या 6 दिन का होगा दीपावली का पर्व?