Indian National Arrested In Ukraine: बीते चार सालों से जारी यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। यूक्रेन ने एक भारतीय नागरिक को पकड़ लिया है जो रूसी सेना के साथ लड़ रहा था। यूक्रेन ने 7 अक्टूबर को यह जानकारी दी। बयान के अनुसार, गुजरात के मोरबी का 22 वर्षीय छात्र माजोती साहिल मोहम्मद हुसैन रूस के एक विश्वविद्यालय में अध्ययन करने आया था। बाद में वो रूसी सेना के साथ युद्ध में शामिल हो गया। हांलाकि कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने इस बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया है।
कीव में भारतीय दूतावास, यूक्रेनी सेना द्वारा एक भारतीय नागरिक को हिरासत में लिए जाने की खबरों की जांच कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में अब तक यूक्रेन की ओर से भारत को कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
गुजरात का रहने वाला है छात्र
बता दें कि यूक्रेन सेना के ब्रिगेड द्वारा रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में मोरबी का 22 वर्षीय छात्र माजोती साहिल मोहम्मद हुसैन ने कहा कि, उन्हें ड्रग से जुड़े आरोपों में रूसी जेल में सात साल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें आगे की सजा से बचने के लिए रूसी सेना के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का मौका दिया गया था, जिसके बाद वो भी युद्ध में शामिल हो गया था।
तीन दिन की रूसी सेना के लिए लड़ाई
Ukraine's military says they have captured an Indian national who was fighting alongside Russian forces.
Majoti Sahil Mohamed Hussein is a 22-year-old student from Morbi, Gujarat, India & came to Russia to study at a university pic.twitter.com/Kzi5F4EDR4 — Sidhant Sibal (@sidhant) October 7, 2025
यूक्रेन की 63वीं सेपरेट मैकेनाइज्ड ब्रिगेड के सैनिकों ने बताया कि उन्होंने रूस की तीसरी आर्मी कोर में काम कर रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। ब्रिगेड ने उसके साथ हुई पूछताछ का एक वीडियो भी साझा किया है। वीडियो में मजोती यह कहते हुए नजर आता है कि उसे नशे से जुड़े मामले में रूस में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। बाद में उसे सजा से बचने के बदले रूसी सेना में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया, जिसे उसने मान लिया। 1 अक्टूबर को मजोती को उनके पहले युद्ध मिशन पर भेजा गया, जहां उन्होंने तीन दिन तक मोर्चे पर बिताए। इस दौरान अपने कमांडर से झगड़ा होने के बाद, उन्होंने यूक्रेन की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड के सैनिकों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
बता दें कि, पहले भी ऐसी खबरें आती रही हैं कि, भारतीयों को यूक्रेन में युद्ध के मोर्चे पर तैनात रूसी सैन्य इकाइयों में जबरन भर्ती किया गया है। वहीं पिछले साल अपनी रूस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी यह मुद्दा उठाया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रूसी सेना में भर्ती किये गए भारतीयों की संख्या अब 150 से अधिक है। यूक्रेन में संघर्ष के अग्रिम मोर्चे पर लड़ते हुए कम से कम 12 भारतीय मारे गए, जबकि 96 को रूसी अधिकारियों ने सेवा मुक्त कर दिया।
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