पाकिस्तान की बेशर्मी की वजह से अब दुनियाभर में उसकी छीछालेदर हो रही है। कोलंबो में अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान को एक बार फिर कूटनीतिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि श्रीलंका को भेजी गई मानवीय सहायता की खेप में ऐसी चींजें पाई गईं, जिनकी एक्सपायरी डेट पहले ही निकल चुकी थी। इसमें मेडिकल सप्लाई, खाने के पैकेट और जरूरी सामान शामिल थीं।
News18 के मुताबिक, श्रीलंका में चक्रवात दित्वा के कारण भूस्खलन और बाढ़ के कारण आपातकालीन सहायता के रूप में भेजी गई इस खेप का वहां पहुंचने पर निरीक्षण किया गया और पाया गया कि कई डिब्बे एक्सपायर हो चुके थे या इस्तेमाल करने लायक ही नहीं थे, जिसके कारण अधिकारियों ने श्रीलंका के आपदा प्रबंधन और विदेश मामलों के विभागों में "गंभीर चिंता" जताई। कोलंबो ने औपचारिक और अनौपचारिक दोनों राजनयिक माध्यमों से इस्लामाबाद के सामने अपनी नाराजगी जताई।
इसके चलते पाकिस्तान को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी, वो भी तब जब वो हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। श्रीलंकाई अधिकारियों ने कहा कि इस खेप ने पाकिस्तान की मानवीय सहायता की क्वालिटी और गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर ऐसे समय में जब यह द्वीपीय राष्ट्र संकट के बाद की स्थिति से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है।
यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तान की राहत कूटनीति की आलोचना हुई है। 2015 के नेपाल भूकंप के दौरान, इस्लामाबाद को हिंदू बहुल देश को गोमांस से बने रेडी-टू-ईट फूड आइटम भेजने पर जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा था, जिससे सांस्कृतिक असंवेदनशीलता के आरोप लगे थे।
इस नए विवाद ने श्रीलंका की सिविल सोसायटी और सोशल मीडिया में रोष पैदा कर दिया है। कई लोगों ने एक्सपायर सामान भेजने को "अपमान" और "सहायता कूटनीति का मजाक" बताया है। कुछ ने सरकार से पाकिस्तान से जवाबदेही की मांग करने का आग्रह किया है।
कोलंबो में अधिकारियों ने कहा कि इस घटना ने सभी आने वाली राहत खेपों, खासकर उन देशों से आने वाली खेपों, जिनका अनुचित या घटिया सामान भेजने का इतिहास रहा है, उसके निरीक्षण प्रोटोकॉल को कड़ा करने की योजना बनाई है। उन्होंने आगे कहा कि यह मामला सख्त निगरानी की जरूरत को रेखांकित करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मानवीय सहायता से जन सुरक्षा या राजनयिक सद्भावना को कोई खतरा न हो।