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by Roopali Sharma | jul  23,  2025

ये 10 सबसे खतरनाक केमिकल वेपन्स, जिनसे हिल गई थी दुनिया

त्वचा, आंख और फेफड़े जला देती है, छाले बनाती है, घातक संक्रमण करती है। प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी, 1980s में ईरान-ईराक युद्ध में इराक ने इस्तेमाल किया।

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मस्टर्ड गैस

नर्व एजेंट, सांस रुकना, मांसपेशी फेल्योर, मिनटों में मृत्यु। 1995 में टोक्यो मेट्रो पर ओम शिनरिक्यो पंथ द्वारा, 2013 में सीरिया के घौटा हमले में।

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सरीन

अत्यंत ताकतवर नर्व एजेंट, त्वचा से भी प्रभावी लेकिन कम जानलेवा। 1980s में कुर्दों पर इराक ने, 2017 में मलेशिया एयरपोर्ट पर किम जोंग नाम की हत्या में।

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वीएक्स

नर्व एजेंट, सिर दर्द, सांस रुकना, मिनटों में मौत हो सकती है।  1988 में हलाबजा नरसंहार में इराक ने इस्तेमाल किया।

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टैबुन

नर्व एजेंट, सांस रुकना, उच्च संकेंद्रण में घातक। ईरान-ईराक युद्ध में इराक ने इस्तेमाल किया।

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साइकलोसरीन

नर्व एजेंट, तंत्रिका प्रणाली पर तेज असर, पैरालिसिस। अनुमानित रूप से ईरान-ईराक युद्ध में।

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सोमन

फेफड़ों में चोट, सांस रुकने का कारण। प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी, ब्रिटेन और अन्य देशों द्वारा बड़े पैमाने पर।

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फॉस्जीन

दम घुटना, फेफड़ों को नुकसान, मौत। 1915 में जर्मनी ने बेल्जियम के यप्रेस में, और बाद में सीरिया में गृहयुद्ध के दौरान।

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क्लोरीन गैस

कोशिकाओं में ऑक्सीजन जाना बंद होता है और तुरंत मौत होती है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाज़ी जर्मनी द्वारा ‘ज़ाइक्लॉन-बी’ का इस्तेमाल।

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हाइड्रोजन सायनाइड

बेहद विषैला प्रोटीन, सांस या भोजन से जानलेवा। जासूसी व टारगेट किलिंग में, जैसे 1978 में जॉर्जी मार्कोव की हत्या।

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राइसिन

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