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Budget 2024 : ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री को स्वच्छ ईंधन के लिए बजट में मिल सकता है पैसा

Budget 2024 : सरकार ने 2030 तक 50 फीसदी एनर्जी रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। नेट जीरो इमिशन हासिल करने के लिए साल 2070 की समयसीमा तय की गई है। नेट जीरो इमीशन का मतलब है कि 100 फीसदी एनर्जी रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से हासिल होगी

अपडेटेड Jan 09, 2024 पर 11:45 AM
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Budget 2024 : 1 फरवरी, 2023 को पेश यूनियन बजट में निर्मला सीतारमण ने सरकारी तेल कंपनियों के लिए नेट जीरो इमिशन टारगेट हासिल करने और एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था।

Budget 2024यूनियन बजट 2024 (Uni0n budget 2024) पेश होने में एक महीने से कम समय रह गया है। ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री को बजट 2024 में एनर्जी ट्रांजिशन और रिफॉर्म्स पूरे करने के लिए फंड मिलने की उम्मीद है। इससे प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को संसद में यूनियन बजट 2024 पेश करेंगी। ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री की नजरें सीतारमण के पेट्रोलियम प्रोडक्स को जीएसटी के दायरे में लाने के ऐलान पर होंगी। हालांकि, वित्तमंत्री यह स्पष्ट कर चुकी है कि 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश होगा। इस बजट में बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं है। बड़े ऐलान के लिए जुलाई तक इंतजार करना होगा, जब लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट में एनर्जी ट्रांजिशन और सरकारी ऑयल कंपनियों के लिए नेट जीरो इमिशन टारगेट पर फोकस हो सकता है।

यूनियन बजट 2023 में 30,000 करोड़ आवंटन

1 फरवरी, 2023 को पेश यूनियन बजट में निर्मला सीतारमण ने सरकारी तेल कंपनियों के लिए नेट जीरो इमिशन टारगेट हासिल करने और एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। हालांकि, यह पैसा अब तक इन कंपनियों को नहीं मिला है। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि यूनियन बजट 2024 में सरकार ऑयल कंपनियों के लिए आवंटन घट सकता है। Acuite Ratings & Research के चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च हेड सुमन चौधरी ने कहा, "IOCL और BPCL जैसी ऑयल कंपनियों ने राइट्स इश्यू के ऐलान किए है। सरकार को इसे सब्सक्राइब करना होगा।"


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ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन के लिए मिलेगा फंड

उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के लिए बजट में कम पैसे का आवंटन हो सकता है। इसकी वजह यह है कि सरकार फिस्कल डेफिसिट को कम करना चाहती है। उधर, कंसल्टेंसी और ऑडिट फर्म Deloitte का कहना है कि सरकार ग्रीन और सस्टेनेबल एनर्जी को ध्यान में रख एनर्जी सेक्टर के लिए कुछ पैसा आवंटित कर सकती है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार का फोकस बजट में एनर्जी ट्रांजिशन पर होगा। फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों को जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में बड़ी भूमिका निभानी होगी।

सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को मिल सकता है प्रोत्साहन

सरकार ने 2030 तक 50 फीसदी एनर्जी रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। नेट जीरो इमिशन हासिल करने के लिए साल 2070 की समयसीमा तय की गई है। नेट जीरो इमीशन का मतलब है कि 100 फीसदी एनर्जी रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से हासिल होगी। इंडस्ट्री को बजट 2024 में सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन (CGD) कंपनियों के लिए रिफॉर्म्स के ऐलान की उम्मीद है। इससे देश में प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद मिलेगी। इंडस्ट्री ने सरकार से एक बार फिर पेट्रोल, डीजल, नेचुरल गैस और ATF जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने की गुजारिश की है।

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