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Union Budget 2024 : किस साल और क्यों हुई थी पेपरलेस यूनियन बजट की शुरुआत?

Interim Budget 2024 : पेपरलेस बजट का मतलब बजट डॉक्युमेंट के डिजिटल स्वरूप से है। इससे पहले संसद के सदस्यों, मीडिया, इोकनॉमिस्ट्स और आम लोगों सहित सभी के लिए बजट डॉक्युमेंट्स की प्रिंटिंग होती थी। बजट फिजिकल रूप में सभी को उपलब्ध कराया जाता था। बजट डॉक्युमेंट्स की ढुलाई के लिए ट्रकों का इस्तेमाल होता था

अपडेटेड Jan 18, 2024 पर 11:47 AM
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Budget 2023 : संसद के सदस्यों, मीडिया, इकोनॉमिस्ट्स और आम लोगों को यूनियन बजट डॉक्युमेंट उपलब्ध कराने के लिए एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। सरकार के इस ऐप को 'यूनियन बजट मोबाइल ऐप' कहा जाता है।

Budget 2023 : आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश हुआ था। तब से यूनियन बजट ने लंबा सफर तय किया है। बीते 77 साल में बजट पेश करने का तरीका बदला है। बजट पेश होने की तारीख बदली है। बजट पेश होने का समय बदला है। दरअसल, समय की मांग को देखते हुए यूनियन बजट बदलाव के दौर से गुजरा है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को यूनियन बजट 2024 पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। इस साल लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले हैं। लोकसभा चुनाव वाले साल में सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। निर्मला सीतारमण का 1 फरवरी का बजट पेपरलेस होगा। पेपरलेस बजट का मतलब क्या है, इसकी शुरुआत किस साल हुई थी और पेपरलेस बजट पेश करने की जरूरत क्यों पड़ी? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

बजट 2024 भी पूरी तरह पेपरलेस होगा

2020 में कोरोना की महामारी ने दुनिया भर में दस्तक दी थी। इंडिया में मार्च 2020 में इस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया। सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान किया। आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गईं। लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी लग गई। 2020 के अगस्त-सितंबर में पाबंदियों में थोड़ी ढील गई। लेकिन, ज्यादातर कामकाज ऑनलाइन होने शुरू हो गए। यहां तक कि बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन होने लगी। ऐसे में यूनियन बजट पेश करना एक बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती को देखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेपरलेस बजट पेश करने का फैसला किया। उन्होंने 1 फरवरी 2021 को पेपरलेस बजट पेश किया। तब से हर साल पेपरलेस बजट पेश हो रहा है। इस बार भी वित्तमंत्री पेपरलेस बजट पेश करेंगी।


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पहले बजट डॉक्युमेंट की प्रिंटिंग होती थी

पेपरलेस बजट का मतलब बजट डॉक्युमेंट के डिजिटल स्वरूप से है। इससे पहले संसद के सदस्यों, मीडिया, इोकनॉमिस्ट्स और आम लोगों सहित सभी के लिए बजट डॉक्युमेंट्स की प्रिंटिंग होती थी। बजट फिजिकल रूप में सभी को उपलब्ध कराया जाता था। बजट डॉक्युमेंट्स की ढुलाई के लिए ट्रकों का इस्तेमाल होता था। इसकी प्रिंटिंग में काफी समय और पैसे खर्च होते थे। पेपरलेस बजट से यह समस्या खत्म हो गई। अब भी बजट डॉक्युमेंट की प्रिंटिंग होती है। लेकिन, इसकी संख्या बहुत सीमित होती है।

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अब बजट डॉक्युमेंट को ऐप पर देखा जा सकता है

संसद के सदस्यों, मीडिया, इकोनॉमिस्ट्स और आम लोगों को यूनियन बजट डॉक्युमेंट उपलब्ध कराने के लिए एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। सरकार के इस ऐप को 'यूनियन बजट मोबाइल ऐप' कहा जाता है। इस ऐप के जरिए बजट डॉक्युमेंट को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है। हर साल यूनियन बजट पेश होने के बाद पूरे डॉक्युमेंट को ऐप पर उपलब्ध कराया जाता है। इस पर एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स, डिमांड फॉर ग्रांट्स और फाइनेंस बिल उपलब्ध होता है।

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