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Holi 2024: होली से जुड़ी इन अहम बातों को जरूर जानें, त्योहार का हर रंग कुछ कहता है...

Holi 2024: भारत में होली के त्योहार के जश्न में लोग डूबने की तैयारी कर रहे हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाले जिस रंगोत्सव को आज पूरे देश में मनाया जा रहा है, उससे जुड़ी बातों को जानना भी बेहद जरूरी है। होली रंगों का त्योहार होता है। हर रंग कुछ न कुछ कहता है। जानिए किस रंग के क्या हैं मायने

अपडेटेड Mar 08, 2024 पर 6:32 AM
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Holi 2024: होली हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यही वजह है कि इस पर्व के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं।

Holi 2024: होली का त्योहार जल्द ही आने वाला है। ऐसे में इन दिनों बाजार में एक अलग रौनक देखने को मिलती है। खाने-पीने से लेकर कपड़ों तक, लोग शॉपिंग में जुटे रहते हैं। घरों में पकवान बनना शुरू हो जाते हैं। लोग दूर शहर से अपने घर त्योहार मनाने के लिए आते हैं। हर साल इस त्योहार को लेकर लोगों के मन में एक अलग उल्लास नजर आता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इस त्योहार का इंतजार करते हैं। लेकिन होली का त्योहार मनाते समय कुछ बातों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हर एक रंग कुछ न कुछ कहता है। सभी रंगों के अलग-अलग मतलब होते हैं।

आज देश-दुनिया में जहां कहीं भी सनातन परंपरा को मानने वाले लोग हैं। वहां रंगों के महापर्व होली को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। खुशी और उमंग से जुड़े इस पावन उत्सव पर लोग सभी गिले शिकवे भुलाकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं। पौराणिक काल से होली पर रंग खेलने की जो परंपरा चली आ रही है, उसका हमें देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग स्वरूप देखने को मिलता है। कहीं यह फूल से तो कहीं रंग और गुलाल से होली खेली जाती है।

होली के बारे में ये बातें हैं बेहद अहम


होली का त्योहार हर साल वसंत ऋतु में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। पूर्णिमा के दिन होलिका दहन और इसके दूसरे दिन होली मनाई जाती है। वहीं इंग्लिश कैलेंडर की बात करें तो आमतौर पर होली का त्योहार मार्च महीने में मनाया जाता है। कभी-कभी यह फरवरी महीने में भी पड़ जाती है। होली भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है। जिसे होलिका, होली या होलाका नाम से अलग-अलग जगहों पर मनाया जाता है। देश-दुनिया में कई तरह की खेली जाने वाली ब्रज मंडल की होली की शुरुआत फाल्गुन पूर्णिमा से बहुत पहले बसंत पंचमी से ही हो जाती है। यहां पर होली का उत्सव करीब 40 दिनों तक चलता है।

होली में हर रंग कुछ कहता है

होली के त्योहार को रंगोत्सव भी कहते हैं। रंगों की भी अपनी एक अलग भाषा है। हर एक रंग के अलग मायने होते हैं। आइये जानते हैं किस रंग का क्या मतलब होता है।

लाल रंग

होली के दिन ज्यादातर लोग लाल रंग का इस्तेमाल करते हैं। धार्मिक नजरिए से लाल रंग बहुत शुभ माना जाता है। इसे ऊर्जा, प्रेम और उत्सव का प्रतीक माना जाता है। इस दिन अपने प्रेम और प्यार के भाव को प्रकट करने के लिए लाल रंग का इस्तेमाल लोग अधिक करते हैं। होली में रंग खेलने की शुरुआत भगवान को रंग चढ़ाकर कर सकते हैं।

हरा रंग

हरा रंग हरियाली का प्रतीक होता है। लेकिन होली के हरे रंग का मतलब शीतलता, सुकून और सकारात्मक होता है। अपने से बड़ों को गुलाल लगाएं तो हरे रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह रंग चुभता भी नहीं है और चेहरे पर खिलता भी है।

पीला रंग

धार्मिक मान्यता के अनुसार पीला रंग सुख-समृद्धि और यश का प्रतीक माना जाता है। पीला रंग शांति, ऐश्वर्य और आरोग्य का प्रतीक माना जाता है। किसी भी शुभ काम में पीले रंग का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में होली के दिन भी इसका इस्तेमाल करना शुभ होता है।

केसरिया रंग

माना जाता है कि केसरी रंग का इस्तेमाल तन-मन के निरोगी होने का प्रतीक होता है। यह ज्ञान, तप और संयम का रंग माना जाता है। इसके अलावा इस रंग को बलिदान के स्वरूप में भी देखा जाता है। ऐसे में इस रंग का इस्तेमाल भी लोग होली के दिन करते हैं।

Holi 2024: होली खेलते समय इन बातों का रखें ध्यान, त्योहार में आएगा दोगुना मजा

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