Ram Navmi 2025: शनि के प्रकोप से बचने का अचूक अवसर, राम नवमी पर करें ये सरल उपाय

Ram Navmi 2025: 29 मार्च 2025 को शनि देव के मीन राशि में गोचर के बाद भूकंप और ग्रहण जैसी घटनाएं हुईं। राम नवमी 2025 पर दुर्लभ रवि पुष्य योग बन रहा है, जिसमें शनि के विशेष उपाय करने से साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव कम हो सकता है, और जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं

अपडेटेड Apr 02, 2025 पर 4:36 PM
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Ram Navmi 2025: 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर कर चुके हैं

29 मार्च 2025 को शनि देव के मीन राशि में प्रवेश करते ही धरती पर हलचल मच गई। ऐसा लगा जैसे सिर्फ इंसानों की तकदीर ही नहीं, बल्कि पूरी प्रकृति भी इस बदलाव का असर महसूस कर रही हो। हाल ही में म्यांमार में आए भूकंप और लगातार हो रही खगोलीय घटनाओं को इस परिवर्तन से जोड़ा जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार, शनि का यह गोचर कुछ राशियों के लिए राहत लेकर आया, तो कुछ के लिए बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दीं। मकर राशि की साढ़े साती खत्म हुई, लेकिन कुंभ, मीन और मेष राशि के लिए मुश्किलें बढ़ गईं।

ऐसे में कई ज्योतिषाचार्य विशेष पूजा-पाठ और उपायों की सलाह दे रहे हैं, जिससे शनि की कृपा बनी रहे और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।

किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव?


शनि के कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही मकर राशि की साढ़े साती समाप्त हो गई है। वहीं, कुंभ, मीन और मेष राशि अब साढ़े साती के प्रभाव में आ गई हैं। इसके अतिरिक्त, कर्क और वृश्चिक राशि की ढैय्या समाप्त होकर सिंह और धनु राशि पर आ गई है। जिन जातकों पर साढ़े साती या ढैय्या का प्रभाव है, उनके लिए यह समय विशेष सतर्कता और उपाय करने का है।

राम नवमी पर रवि पुष्य योग का महत्व

राम नवमी इस बार विशेष योगों के साथ आ रही है। इस दिन रवि पुष्य योग बन रहा है, जिसे ज्योतिष में बेहद शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा कहा जाता है और इसे जीवन में स्थिरता और शुभता लाने वाला माना जाता है। खासतौर पर जिन जातकों की साढ़े साती और ढैय्या चल रही है, वे इस दिन विशेष उपाय करके शनि के अशुभ प्रभावों को कम कर सकते हैं।

साढ़े साती और ढैय्या से बचने के उपाय

अगर आप भी शनि दोष से परेशान हैं, तो राम नवमी के दिन ये उपाय करें:

तुलादान करें – काले उड़द दाल के साथ अपना तुलादान करें और उसे बहते जल में प्रवाहित करें।

दीप जलाएं – शनिदेव के समक्ष काले तिल डालकर तेल का दीपक जलाएं और शनि देव से कष्ट निवारण की प्रार्थना करें।

हनुमान आराधना करें – रवि पुष्य योग के दौरान 7 बार बजरंग बाण, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।

हनुमान जी को भोग लगाएं – बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं और मीठा पान अर्पित करें। इसके बाद इसे श्रद्धालुओं में बांट दें।

इन उपायों को करने से शनि देव की कृपा बनी रहेगी और जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।

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