महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए बड़ा प्लान बनाया है। महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर नलिनीकांत गोलगुंटा ने कंपनी के प्लान के बारे में 27 नवंबर को बताया। महिंद्रा ने गुरुवार (27 नवबर) को अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल का तीसरा मॉडल एक्सईवी 9एस लॉन्च किया। यह कंपनी की पहले सेवन-सीटर एसयूवी है। उन्होंने इलेक्ट्रिक थार के बारे में बताया।
अभी कुल सेल्स में ईवी की 7-8 फीसदी हिस्सेदारी
गोलगुंटा ने कहा कि कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका में इलेक्ट्रिक थार पेश किया था। यह एक कॉनसेप्ट व्हीकल थी। समय के साथ इसमें बदलाव किया गया है। कंपनी ने इस कॉनसेप्ट का एक वर्जन 15 अगस्त, 2025 को पेश किया था। उन्होंने कहा कि अभी महिंद्रा की सेल्स में ईवी की हिस्सेदारी 7-8 फीसदी है। यह अगले 18-24 महीनों में 20 फीसदी को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें NU IQ की बड़ी भूमिका होगी।
ईवी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर फोकस
उन्होंने कहा कि कंपनी अपने पहले दो ईवी प्रोडक्ट्स की हर महीने 5,000 यूनिट्स का उत्पादन कर रही है। XEV 9S के साथ यह बढ़कर 8,000 तक पहुंच जाएगा। लाइन कपैसिटी 10,000 यूनिट्स प्रति माह है। चाकन में कंपनी क्षमता में सालाना 2,40,000 यूनिट्स की वृद्धि कर रही है।15-18 महीनों में पहला प्रोडक्ट आने के साथ ही इसका बड़ा हिस्सा तैयार हो जाएगा।
एक्सपोर्ट के लिए कुछ खास देशों पर नजर
ईवी के एक्सपोर्ट के प्लान के बारे में उन्होंने कहा कि कंपनी छोटे बैचेज में एक्सपोर्ट कर रही है। नेपाल में हमारे डीलर्स के जरिए हमें यह मौका मिला। नेपाल ईवी के लिहाज से बड़ा मार्केट है। उसमें ईवी की हिस्सेदारी 65-70 फीसदी है। राइट-हैंड ड्राइव मार्केट्स की बात की जाए तो हम पहले दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंग्डम को टारगेट करेंगे। हमें यह समझना होगा कि मार्केट कैसे काम करता है, डीलरशिप कैसे काम करता है। हमें महिंद्रा ब्रांड को स्थापित करना है।
ईवी पर बना रहेगा कंपनी का फोकस
रेंज एक्सटेंडर इलेक्ट्रिक व्हीकल (REEV) टेक्नोलॉजी के बारे में उन्होंने कहा कि हाइब्रिड टेक्नोलॉजी इनटर्नल कंबशन इंजन (आईसीई) के करीब है, जबकि रेंज एक्सटेंडर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी के करीब हैं। इस बारे में हमारी सोच स्पष्ट है कि यह समय इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का है। सरकार ने भी यह स्पष्ट कर दिया है।