इलेक्ट्रिक कार की दुनिया में क्रांति लाने वाली कंपनी Tesla अब भारत में कदम रखने जा रही है। जिस दिन का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था, अब वह हकीकत बनने जा रहा है। एलन मस्क की यह ग्लोबल कंपनी भारत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। तारीख तय हो चुकी है, जगह को अंतिम रूप दे दिया गया है और तैयारियां भी जोरों पर हैं। यह केवल एक शोरूम की ओपनिंग नहीं है, बल्कि एक नए दौर की शुरुआत है—जहां टेक्नोलॉजी, परफॉर्मेंस और इनोवेशन का अनुभव एक साथ मिलेगा। टेस्ला की एंट्री न सिर्फ ऑटो सेक्टर में हलचल मचाएगी, बल्कि भारत के EV मार्केट के भविष्य को भी नई दिशा दे सकती है।
गुरुवार (10 जुलाई, 2025) देर रात मीडिया को दिए गए इनविटेशन में, कार मेकर ने बताया कि 15 जुलाई को जो कार्यक्रम होगा, वो भारत में टेस्ला की शुरुआत का आयोजन है। इस दिन मुंबई के लीडिंग कमर्शियल एरिया बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर खोला जाएगा।
टेस्ला ने भारत में अपनी कारें बेचने का तरीका बदल लिया है, क्योंकि उसकी दूसरी फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन क्षमता ज्यादा है और बिक्री कम हो रही है। इसलिए अब टेस्ला भारत में कारें इंपोर्ट करके बेचेगा। लेकिन भारत में इंपोर्टेड कारों पर लगभग 70% इंपोर्ट ड्यूटी और दूसरे टैक्स लगेंगे, जिससे कारों की कीमत बढ़ जाएगी।
टेस्ला अपना पहला भारतीय शोरूम मुंबई के Bandra Kurla Complex (BKC) में खोलने जा रही है। ये इलाका शहर का प्रमुख बिजनेस और रिटेल हब है और एयरपोर्ट के भी नजदीक है। ये शोरूम 4,003 स्क्वायर फीट में फैला होगा, जो लगभग एक बास्केटबॉल कोर्ट के बराबर है। Tesla ने ये जगह 5 साल की लीज पर ली है। पहले साल कंपनी को इसका किराया $446,000 यानी करीब ₹3.88 करोड़ देना होगा। हर साल किराया 5% बढ़ेगा। पांचवें साल में यह राशि $542,000 तक पहुंच जाएगी।
भारत में तैयारी और भविष्य की योजना
टेस्ला भारत में अपने विस्तार को लेकर गंभीर नजर आ रही है। कंपनी ने हाल ही में मुंबई के कुर्ला वेस्ट में एक सर्विस सेंटर के लिए जगह किराए पर ली है। इसके अलावा पुणे में इंजीनियरिंग हब, बेंगलुरु में रजिस्टर्ड ऑफिस और BKC में टेम्पररी ऑफिस पहले से ही मौजूद हैं। अब चर्चा है कि अगला शोरूम दिल्ली के एरोसिटी में खोला जा सकता है। कंपनी की भारत में एंट्री ऐसे वक्त पर हो रही है जब भारत-अमेरिका के व्यापार समझौतों पर चर्चा जारी है। इससे Tesla की एंट्री को सिर्फ बिजनेस नहीं, बल्कि कूटनीतिक नजरिए से भी अहम माना जा रहा है।
पहले क्यों टली थी Tesla की एंट्री?
टेस्ला की भारत में एंट्री 2022 में ही हो सकती थी, लेकिन कुछ दिक्कतों की वजह से यह रुक गई। भारत में इंपोर्ट टैक्स काफी ज्यादा था और लोकल मैन्युफैक्चरिंग को लेकर नियम जटिल थे। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मुद्दे को उठाया था और कहा था कि भारत में फैक्ट्री लगाकर टैक्स बचाना अमेरिका के लिए सही नहीं होगा। उन्होंने इस बारे में PM मोदी से भी चर्चा की थी। अब जब Tesla की एंट्री हो रही है, तो माना जा रहा है कि भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट तेजी से बढ़ेगा। यह कदम भारत को ग्रीन मोबिलिटी की ओर ले जाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।