INDIA PMI DATA : अगस्त सर्विसेज PMI जुलाई के 60.5 फीसदी से बढ़कर 62.9 फीसद पर रहा है। इस अवधि की कंपोजिट PMI 61.1 से बढ़कर 63.2 के स्तर पर आ गई है। अगस्त सर्विसेज PMI जून 2010 के बाद सबसे ऊपरी स्तर पर रही है। अगस्त की सर्विसेज PMI 15 साल के ऊपरी स्तर पर रही है। बता दें कि 50 का स्तर सर्विस सेक्टर की गतिविधि में विस्तार और संकुचन के विभाजक रेखा का काम करता है। यानी सर्विसेज PMI की 50 से ऊपर की रीडिंग सर्विस सेक्टर की गतिविधि में विस्तार का संकेत देती है। जबकि 50 से नीचे की रीडिंग सर्विस सेक्टर की गतिविधि में संकुचन का संकेत होती है। वहीं, कंपोजिट PMI, सर्विसेज PMI और मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई का औसत होती है।
अगस्त में भारत की सर्विसेज पीएमआई बढ़कर 65.6 पर रही है। जबकि मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 18 सालों में सबसे तेज गति से बढ़ी है। ये प्रतिकूल ग्लोबल स्थितियों के बावजूद हो रहे विकास का संकेत है। यह लगातार तीसरा महीना है जब सर्विसेज पीएमआई इंडेक्स 60 से ऊपर रहा है, जो विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में मांग की मजबूती का संकेत है।
बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिका की ओर से नए टैरिफ़ प्रतिबंधों के बावजूद देश की मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में मजबूती देखने को मिली है। मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधि इस महीने लगभग 18 सालों में सबसे तेज़ गति से बढ़ी है। मनीकंट्रोल के विश्लेषण से पता चलता है कि यूएस टैरिफ़ का देश की फ़ैक्टरी गतिविधि पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ा है। ज़्यादातर एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
ब्रॉड बेस्ड मोमेंटम भी भारत के विकास के लिए शुभ संकेत दे रहा है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी है जो अनुमान से बेहतर दर है। इसके अलावा हाई फ्रिक्वेंसी आंकड़े बताते हैं कि यह तेजी दूसरी तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है।