Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच गुरुवार (23 अक्टूबर) को 'महागठबंधन' की ओर से पटना के होटल मौर्य में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई। लेकिन, कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही एक नए विवाद ने जन्म ले लिया। दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के मंच पर लगाए गए पोस्टर में केवल तेजस्वी यादव की तस्वीर थी। जबकि गठबंधन के बाकी दलों के नेताओं को इसमें जगह नहीं दी गई। पोस्टर पर लिखा था, "बिहार मांगे तेजस्वी सरकार, चलो बिहार, बिहार बदलें...।" और उसके बगल में सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर लगी थी। इस बात पर सांसद पप्पू यादव ने नाराजगी जताई है।
पप्पू यादव ने कहा, "पोस्टर में तीनों नेताओं की तस्वीर होनी चाहिए थी। हम बिहार सिर्फ राहुल गांधी के चेहरे पर ही जीत सकते हैं। हमारे पास जितने का यहां कोई और रास्ता नहीं है।" पप्पू यादव के इस बयान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले ही माहौल गरमा गया। कांग्रेस, VIP और RJD के बीच पिछले कई दिनों से सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर मतभेद की खबरें आ रही हैं। हालांकि, कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, RJD नेता तेजस्वी यादव, VIP प्रमुख मुकेश सहनी और अन्य नेता मंच पर मौजूद रहे।
बता दे कि बुधवार (22 अक्टूबर) को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटना में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। सूत्रों का कहना है कि इसी बैठक में CM उम्मीदवार के मुद्दे पर सहमति बन गई थी। तय हुआ था कि तेजस्वी यादव गठबंधन के मुख्य चेहरा होंगे। इसकी आधिकारिक घोषणा इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई।
'महागठबंधन' में पिछले कई हफ्तों से सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन को लेकर खींचतान जारी थी। कांग्रेस, VIP और RJD के बीच कई सीटों पर मतभेद हैं। वहीं, कुछ सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' की स्थिति भी बन गई है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले मुकेश सहनी नाराजगी के चलते महागठबंधन से अलग होने का मन बना चुके थे। उन्होंने इस मुद्दे पर तीन बार प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय तय किया। पहले दोपहर 12 बजे, फिर शाम 4 बजे और बाद में 6 बजे...। लेकिन हर बार उसे टाल दिया गया।
अंत में प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह स्थगित कर दी गई। राजनीतिक गलियारों में चर्चा रही कि मुकेश सहनी महागठबंधन से मुंह मोड़ने वाले थे। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप और समझाने-बुझाने के बाद उन्होंने फिलहाल 'महागठबंधन' में बने रहने का फैसला किया।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पोस्टर विवाद महागठबंधन की अंदरूनी कशमकश को फिर उजागर करेगा, जब चुनावी माहौल में सभी दलों को एकजुट संदेश देने की जरूरत थी। अब सबकी नज़र इस बात पर टिकी है कि क्या तेजस्वी यादव इस विवाद को शांत कर पाते हैं या पप्पू यादव के इस बयान से महागठबंधन के भीतर नया तूफान खड़ा होता है।