Bihar Election 2025 News: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासत तेज होती जा रही है। आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार (30 सितंबर) को मीडिया से बातचीत के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला है।
चिराग पासवान ने सबसे पहले SIR प्रक्रिया की फाइनल रिपोर्ट को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब रिपोर्ट आएगी, तब यह देखना होगा कि कौन कितनी राजनीति करता है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बार-बार केंद्र सरकार को इस मामले में घसीटना गलत है। उन्होंने कहा, "केंद्र का इससे कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन विपक्ष अनावश्यक आरोप लगा रहा है।"
वहीं, तेजस्वी यादव द्वारा अति पिछड़ों को अपना वोट बैंक बताए जानेवाले हालिया बयान पर पलटवार करते हुए चिराग ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अति पिछड़ों को अपना वोट बैंक बता रहे हैं। जबकि 21वीं सदी में भी जाति के नाम पर राजनीति करना शर्मनाक है। उन्होंने कहा, "आज भी अगर कोई नेता सिर्फ जाति के आधार पर वोट मांग रहा है, तो यही सोच बिहार को पिछड़ा बनाए हुए है। राजद की राजनीति सिर्फ MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण तक सीमित है और इसी जातिवाद की वजह से बिहार ने दशकों तक नुकसान उठाया है।"
तेजस्वी यादव ने हाल ही में बिहार सरकार की आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि खजाना खाली है और सरकार सिर्फ घोषणाओं का पिटारा खोल रही है। इस पर चिराग पासवान ने जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष सरकार की योजनाओं से घबराया हुआ है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार महिलाओं को सशक्त करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। पासवान ने कहा, "जहां तेजस्वी जी महिलाओं को सिर्फ घर बैठाकर पैसे देने की बात कर रहे हैं। वहीं, बिहार सरकार परिवार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह सोच में फर्क दिखाता है।"
वहीं, प्रशांत किशोर द्वारा लगातार मंत्रियों और उपमुख्यमंत्री पर लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी चिराग ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का मुद्दा जांच का विषय है। इसमें दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में भी एकबार आम आदमी पार्टी के मंत्री आरोपों के सूची लगा दिए थे, लेकिन जब उनके पास वक्त आया कार्रवाई करने की, तो कोई कार्रवाई नहीं की और मौन हो गए। उन्होंने कहा, "जिन नेताओं पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वे खुद सक्षम हैं अपने ऊपर लगे सवालों का जवाब देने के लिए। अगर कहीं गड़बड़ी है, तो जांच में सब साफ हो जाएगा।"
बिहार चुनावों के ऐलान में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। ऐसे में नेताओं के बयानों का सीधा असर जनता के मूड पर पड़ना तय है। एक ओर विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाकर जनता को साधने की कोशिश कर रहा है। तो दूसरी ओर NDA सरकार विकास और महिला सशक्तिकरण की योजनाओं को सामने रखकर वोटरों को प्रभावित करना चाहती है।