बिहार के समस्तीपुर जिले से एक बेहद ही चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां सरायरंजन विधानसभा के शीतलपट्टी गांव के पास VVPAT की हजारों पर्चियां कूड़े में पड़ी मिलीं। 6 नवंबर को यहां वोटिंग हुई थी और 8 नवंबर की सुबह ग्रामीणों ने देखा कि वोटिंग की पर्चियां बिखरी पड़ी हैं। इसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया और लोग चुनाव आयोग पर सवाल उठाने लगे।
जैसे ही खबर फैली, जिले के डीएम रोशन कुशवाहा और SP अरविंद प्रताप सिंह, SDO दिलीप कुमार के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सभी पर्चियां इकट्ठी कर ली गई हैं और निष्पक्ष जांच होगी। DM ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए FIR करवाने का आदेश भी दिया है।
स्थानीय नाराजगी और राजनीति
गांव वालों का कहना है कि यह घटनाक्रम चुनाव विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही दिखाता है। वहीं, विपक्ष को सरकार और चुनाव आयोग के काम-काज पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। प्रशासन अब पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि ये पर्चियां असल में मतदान के दौरान की हैं या केवल ट्रेनिंग-टेस्ट के वक्त निकलने वाली पर्चियां हैं।
फिलहाल इस पूरे मामले की जांच जारी है। लेकिन, इतने बड़े घटनाक्रम के बाद यह सवाल खड़ा है कि जिन पर्चियों को संभाल कर रखना चाहिए था, वे सार्वजनिक जगह पर कैसे पहुंच गईं? क्या मतदान के सुरक्षा नियमों की अनदेखी की गई?
डीएम ने साफ कहा- यह लापरवाही है। वे जांच करवाएंगे कि किन मतदान केंद्रों की पर्चियां हैं और जिम्मेदार कौन है। साथ ही, जिनकी गलती होगी, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और मामला दर्ज किया जाएगा।
इस घटना ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता, कर्मचारियों की जिम्मेदारी और प्रशासन की सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी नजर है कि जांच में क्या निकलता है और दोषी कौन सामने आता है।