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Bihar Election 2025: 'हमें कोई शिकायत नहीं है'; NDA में सीट शेयरिंग के बाद जीतन राम मांझी की नाराजगी दूर! नहीं काम आया दबाव

Bihar Elections 2025: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे की घोषणा पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 6 सीटें हमें मिली है तो ये आलाकमान का निर्णय है। इसे हम स्वीकार करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें जो मिला है उससे हम संतुष्ट हैं हमें कोई शिकायत नहीं है

अपडेटेड Oct 12, 2025 पर 10:00 PM
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बिहार चुनाव 2025: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की नाराजगी दूर हो गई है

Bihar Elections 2025: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे की घोषणा पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि 6 सीटें हमें मिली है तो ये आलाकमान का निर्णय है। इसे हम स्वीकार करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें जो मिला है उससे हम संतुष्ट हैं हमें कोई शिकायत नहीं है। जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा 15 सीटों की मांग कर रही थी। लेकिन उसे केवल छह सीट दी गई हैं। जबकि बाकी के छह सीट राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी गई हैं।

बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा के चुनाव के लिए सीट-बंटवारे को रविवार (12 अक्टूबर) को अंतिम रूप दे दिया। इसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीट पर चुनाव लड़ेगी।

जीतन राम मांझी ने रविवार को सीट बंटवारे की घोषणा पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, "संसद में हमें एक सीट दी गई थी, फिर भी हम खुश थे। यहां हमें छह सीटें दी गई हैं। हम नेतृत्व के फैसले का सम्मान करते हैं।" सीट शेयरिंग की घोषणा JDU के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, उपमुख्यमंत्री एवं बीजेपी नेता सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के X हैंडल पर की।


झा, चौधरी और पासवान पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में डेरा डाले हुए हैं। वे इस बात पर एकमत थे कि सीट के लिए सहमति सौहार्दपूर्ण वातावरण में बनी। मांझी के बारे में अफवाह थी कि वे इस फॉर्मूले से नाखुश हैं। उन्होंने अपने X हैंडल पर पोस्ट किया कि वह पटना लौट रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, मैं अपनी अंतिम सांस तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहूंगा।"

कुशवाहा की पार्टी को छोड़कर, जो कुछ साल पहले ही अस्तित्व में आई है। NDA के अन्य सभी घटक दल 2020 के चुनावों में लड़े गए निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या से कम सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत हुए हैं। पिछले चुनाव में JDU को सबसे अधिक 115 सीटें दी गई थीं। उसके बाद बीजेपी को 110 और मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को सात सीटें आवंटित की गई थी।

उस समय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रहे पासवान की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था। उन्होंने 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। साल 2020 के चुनाव में एक अन्य NDA सहयोगी एवं राज्य के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने चार सीट पर चुनाव लड़ा था। विकासशील इंसान पार्टी अब 'इंडिया' गठबंधन के साथ है।

ऐसा समझा जाता है कि JDU ने 2020 में पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए इस बार सीट के मामले में बड़ी हिस्सेदारी पर जोर नहीं दिया। साल 2020 के चुनाव में उसने केवल 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह बीजेपी की 74 सीट से काफी कम था। साल 2020 के चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के लिये पासवान के विद्रोह को प्रमुख वजहों में से एक माना गया था।

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तब यह संदेह जताया गया था कि पासवान का विद्रोह बीजेपी के इशारे पर हुआ था। इसके बाद जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने NDA का साथ छोड़ दिया था। हालांकि, नीतीश कुमार की पार्टी JDU एनडीए से केवल 17 महीने के लिए अलग रही थी।

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