Credit Cards

Bihar Election 2025: जीतन राम मंझी क्यों कर रहे हैं 15 सीटों की मांग? बताया- इज्जत का सवाल, बढ़ा दी BJP की टेंशन

Bihar Chunav 2025: एक बयान में जीतन राम मांझी ने अपना रुख साफ करते हुए कहा, "सीटों के बंटवारे को लेकर हमारी तरफ से कोई विवाद नहीं है। हम केवल मान्यता प्राप्त सीटों की मांग कर रहे हैं, ताकि हमारी पार्टी को विधानसभा में आधिकारिक दर्जा मिल सके। अगर हम एक भी सीट पर चुनाव नहीं भी लड़ते हैं, तो भी हम NDA के साथ बने रहेंगे

अपडेटेड Oct 08, 2025 पर 3:13 PM
Story continues below Advertisement
Bihar Election 2025: जीतन राम मंझी क्यों कर रहे हैं 15 सीटों की मांग? बताया- इज्जत का सवाल, बढ़ा दी BJP की टेंशन

बिहार में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर राजनीतिक तनाव उभरने लगा है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि वह अपमानित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उनके लोगों की लंबे समय से उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर उनकी पार्टी को कम से कम 15 सीटें नहीं मिलीं, तो वह आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

मांझी ने कहा, "अगर हमें 15 सीटें नहीं मिलीं, तो हम चुनाव नहीं लड़ेंगे। मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं, और हमारे लोगों की उपेक्षा की गई है। हमने हमेशा NDA का समर्थन किया है, अब यह तय करना उनका कर्तव्य है कि हमारा सम्मान हो। 15 सीटें हमें 8-9 सीटें जीतने में मदद करेंगी, लेकिन अगर नहीं, तो हम पार्टी की मान्यता हासिल करने के लिए 60-70 विधानसभा क्षेत्रों में अपने समर्थन का लाभ उठाने का अपना आखिरी विकल्प चुन सकते हैं। मुझे चिराग से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कृपया हमें अपमान से बचाएं।"


मांझी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर रामधारी सिंह दिनकर की कविता 'कृष्ण की चेतावनी' की कुछ पंक्तियां लिख कर अपने एक संदेश देने की कोशिश की। उन्होंने लिखा-

“हो न्याय अगर तो आधा दो,

यदि उसमें भी कोई बाधा हो,

तो दे दो केवल '15' ग्राम,

रखो अपनी धरती तमाम,

HAM वही खुशी से खाएंगे,

परिजन पे असी ना उठाएंगे”

बाद में एक बयान में, मांझी ने अपना रुख साफ करते हुए कहा, "सीटों के बंटवारे को लेकर हमारी तरफ से कोई विवाद नहीं है। हम केवल मान्यता प्राप्त सीटों की मांग कर रहे हैं, ताकि हमारी पार्टी को विधानसभा में आधिकारिक दर्जा मिल सके। अगर हम एक भी सीट पर चुनाव नहीं भी लड़ते हैं, तो भी हम NDA के साथ बने रहेंगे।"

मांझी क्यों मांग रहे हैं 15 सीट?

जैसा कि जीतन राम मांझी पहले ही कह चुके हैं उन्हें अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को बिहार विधानसभा में 'आधिकारिक दर्जा' दिलाना है।

इस समय तक 'HAM (S)' बिहार विधानसभा/परिषद और लोकसभा में सदस्य होने के बावजूद मान्यता प्राप्त दल नहीं बन सकी है, इसलिए वो अभी तक गैर-आधिकारिक स्थानीए पार्टी की श्रेणी में ही है।

क्या कहते हैं नियम?

बिहार विधानसभा में किसी भी पार्टी को आधिकारिक दर्जा पाने के लिए कुछ पैमाने को पूरा करना होता है।

  • पार्टी के सदस्यों की संख्या विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के 10% या उससे ज्यादा होनी चाहिए। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और फिलहाल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के 4 विधायक हैं। इस हिसाब से उनकी हिस्सेदारी 1.65% है, लेकिन 10 फीसदी से काफी कम है।
  • ये सदस्य केवल एक पार्टी के निर्वाचित सदस्य होने चाहिए, अलग-अलग गठबंधन या स्वतंत्र सदस्य इसमें नहीं गिने जाते।
  • इस सीमा को पूरा करने के बाद, विधानसभा अध्यक्ष उस पार्टी को "आधिकारिक पार्टी" का दर्जा देते हैं, जिससे पार्टी के विधानमंडलीय नेता को "मान्यता प्राप्त नेता" का दर्जा मिलता है, जैसे नेता प्रतिपक्ष या दूसरे आधिकारिक पद

इतना ही नहीं जीतन राम मांझी ने यहां तक कह दिया है कि अगर उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती हैं, तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, NDA का हिस्सा बने रहेंगे।

Bihar Chunav 2025: '...तो नहीं लड़ेंगे चुनाव' NDA में सीट बंटवारे की खींचतान के बीच जीतन राम मांझी का बड़ा बयान

 

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।