Mahagathbandhan Seat Sharing: बिहार में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) गठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर सस्पेंस कुछ और समय तक जारी रहने की संभावना है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव के साथ रविवार (12 अक्टूबर) को दिल्ली पहुंचे। दिल्ली एयरपोर्ट पर लालू प्रसाद यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर कहा, "बातचीत चल रही है।"
RJD ने हाल में लालू प्रसाद को सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन पर फाइनल निर्णय लेने का अधिकार दिया था। बिहार में 'महागठबंधन' के रूप में जाने जाने वाले गठबंधन में RJD का दबदबा है। इस 'महागठबंधन (Mahagathbandhan)' में कांग्रेस और वाम दल भी शामिल हैं। बाद में यही गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर I.N.D.I.A. अलायंस नाम से जाना जाने लगा।
रविवार सुबह जब पिता-बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपने आवास से रवाना हुए तो वहां मौजूद पार्टी के टिकट दावेदारों में निराशा फैल गई जिन्हें उम्मीद थी कि नेता उनकी बात सुनेंगे। सुरक्षाकर्मियों को 10, सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास से उन्हें हटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। यह आवास मुख्यमंत्री निवास के ठीक सामने स्थित है।
एयरपोर्ट पर लालू प्रसाद और राबड़ी देवी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। जबकि तेजस्वी यादव ने बस इतना कहा कि "सब ठीक है"। अटकलें लगाई जा रही हैं कि RJD नेता दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
मीडिया के एक वर्ग में आई खबरों के अनुसार, कांग्रेस का मानना है कि वह 'वोटर अधिकार यात्रा' की सफलता के बाद राज्य में कमजोर नहीं रह गई है। वह लगभग उतनी ही सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है, जितनी उसने पांच साल पहले लड़ी थी। उस समय उसने 70 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से केवल 19 ही जीत पाए थे।
RJD प्रमुख के एक करीबी सहयोगी ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई कहा, "लालू जी और तेजस्वी जी दिल्ली इसलिए गए हैं, क्योंकि कल (13 अक्टूबर) 'नौकरी के बदले जमीन' मामले में सुनवाई की तारीख है। हालांकि वहां वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।"
यह मामला उस कथित घोटाले से जुड़ा है जो लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के समय का है। RJD सूत्रों ने कहा, "हमारा मन बन चुका है। हम 243 सीट में से कम से कम आधी सीट अपने पास रखेंगे। हमने 2020 के चुनाव में 140 से अधिक सीट पर चुनाव लड़ा था, इसलिए इस बार नए सहयोगियों को समायोजित करने के लिए यह पहले से ही एक तरह का त्याग है।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ही नहीं, बल्कि छोटे दलों को भी अपनी महत्वाकांक्षाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। तभी सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ एक विश्वसनीय चुनौती खड़ी की जा सकती है।" पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर है। इस चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होगा।
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 243 सदस्यीय विधानसभा के आगामी चुनावों के लिए रविवार को अपनी सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया। इसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) और BJP 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेंगी। जबकि बाकी सीटों पर छोटे सहयोगी दल अपने उम्मीदवार उतारेंगे।