बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच अब सियासी आरोप-प्रत्यारोप और तेज हो गए हैं। जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने मंगलवार (21 अक्टूबर) को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर BJP के शीर्ष नेताओं पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह भाजपा ने विरोधी उम्मीदवारों को बैठा दिया था, वैसा ही खेल अब बिहार में दोहराया जा रहा है।
PK ने कहा कि बिहार में भाजपा ने दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर विधानसभा सीटों पर जन सुराज के प्रत्याशियों पर दबाव बनाकर उन्हें चुनाव से हटने पर मजबूर किया है। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने यह दबाव बनाया है ताकि विपक्षी उम्मीदवार मैदान में न उतर सकें।
प्रशांत किशोर ने बताया कि दानापुर सीट से जन सुराज के प्रत्याशी अखिलेश कुमार उर्फ मुटुर साव को पहले अगवा बताया गया था, लेकिन बाद में सच्चाई सामने आई कि उन्हें किसी ने किडनैप नहीं किया, बल्कि भाजपा नेताओं ने धमकाकर नामांकन करने से रोक दिया।
पीके ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुटुर साव की गृह मंत्री से मुलाकात की फोटो भी मीडिया के सामने दिखाई। उन्होंने कहा जनता सब देख रही है। बिहार में भी वही सूरत जैसी राजनीति शुरू हो चुकी है, जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खत्म किया जा रहा है।
इसी तरह, बक्सर जिले की ब्रह्मपुर विधानसभा सीट से जन सुराज प्रत्याशी डॉ. सत्यप्रकाश तिवारी के मामले का भी PK ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान और अन्य नेताओं ने तिवारी पर दबाव बनाया। पीके ने फोटो दिखाते हुए कहा कि यह बैठक उनके घर पर हुई थी, और इसके बाद उन्होंने नामांकन वापस ले लिया।
इसके अलावा, पीके ने आरोप लगाया कि गोपालगंज सीट से जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी डॉ. शशि शेखर सिन्हा को भी भाजपा नेताओं ने डराया-धमकाया। उन्होंने कहा कि "दो दिन पहले तक वह हमारे साथ प्रचार कर रहे थे, लेकिन सोमवार को अचानक नामांकन वापस ले लिया और उनका फोन बंद हो गया। कुछ देर बाद भाजपा नेताओं के साथ उनकी तस्वीर सामने आ गई।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वाल्मीकिनगर सीट से जन सुराज के प्रत्याशी दृग नारायण प्रसाद पर भी जदयू नेताओं ने दबाव डाला है। पीके ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसे किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगी और चुनाव मैदान में मजबूती से डटी रहेगी।