Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू होते ही, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी महागठबंधन दोनों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इन तैयारियों में सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है सीटों का बंटवारा, जो दोनों गठबंधनों के लिए एक अहम सियासी रणभूमि बन गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, NDA में इस बार बीजेपी और JD(U) में सीटों का बंटवारा लगभग बराबर रखा जा रहा है, जो गठबंधन में BJP की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। JD(U) ने सहयोगी दलों से बातचीत की जिम्मेदारी BJP नेताओं पर छोड़ दी है ताकि आंतरिक कलह से बचा जा सके।
ये हो सकता है सीट बंटवारें का फॉर्मूला
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को इस बार 103 सीटें, बीजेपी को 102, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को 20-25, मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 8 और उपेंद्र कुशवाहा की RLSP को 5-6 सीटें मिल सकती है। इस समीकरण के तहत जनता दल यूनाइटेड को 2020 के चुनाव के मुकाबले इस बार सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। बता दें कि पिछले चुनाव में चिराग की पार्टी ने अकेले दम पर चुनाव लड़ था। इस बार को NDA गठबंधन का हिस्सा है। उनकी की इंट्री ने सबका खेल बिगड़ा हुआ है।
सीटों के बंटवारें पर महागठबंधन में भी पेचीदा गणित 
विपक्षी महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे की चर्चाएं अधिक जटिल हैं, खासकर छोटे दलों और नए प्रवेशकों की वजह से। तेजस्वी यादव की RJD ने 2020 में 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 सीटें जीतीं। पार्टी इस बार कम से कम 134 निर्वाचन क्षेत्रों की मांग कर रही है। पिछली बार 70 सीटों पर लड़कर 19 जीतने वाली कांग्रेस 60-65 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन उसे लगभग 55 सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है। वाम दल पिछली 29 सीटों से बढ़कर 35 सीटों की मांग कर रहे हैं।
NDA से निकलकर महागठबंधन में शामिल हुए मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने सबसे बड़ा पेंच फंसा दिया है। VIP कथित तौर पर 30 से अधिक सीटों, उपमुख्यमंत्री पद और 'मल्लाह का बेटा' के रूप में प्रतीकात्मक मान्यता की मांग कर रही है। सूत्रों के अनुसार, RJD इतनी बड़ी हिस्सेदारी देने को तैयार नहीं है और 12 से 15 सीटों की पेशकश कर सकती है।
महागठबंधन के अन्य दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को दो सीटें मिलने की उम्मीद है, और पशुपति पारस के गुट को भी 1 या 2 सीटें मिल सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद पहला बड़ा चुनाव होगा, जिसने राज्य के मतदाताओं की संख्या 7.43 करोड़ है, जिसमें 14 लाख फर्स्ट-टाइम वोटर्स शामिल हैं।