Cinema Ka Flashback: मधुबाला (Madhubala) हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत और चंचल हसीनाओं में से एक थीं। पर्दे पर उनकी खूबसूरती देख हर कोई अपना दिल पहली बार में ही हार बैठता था। एक्ट्रेस दिलीप कुमार (Dilip Kumar) से बहुत प्यार करती थीं। दोनों के प्यार के चर्चे पूरी माया नगरी में थे। कहा जाता है कि दोनों की एक जिद ने हमेशा के लिए उन्हें एक दूसरे से अलग कर दिया था।
कई हंगामों के बाद भी जब आखिरी दिनों में दिलीप की मधुबाला से मुलाकात हुई थी, तो उनका चेहरा खुशी से चमक उठा था। कहा जाता है भले ही दिलीप कुमार मधुबाला अलग होकर अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बड़ गए हों...लेकिन मरते दमतक एक दूसरे के लिए दिल में प्यार समाए रहे। 23 फरवरी 1969 में हिंदी सिनेमा की खूबसूरत अभिनेत्री ने दुनिया को मात्र 36 की उम्र में अलविदा कह दिया था।
दिलीप कुमार और मधुबाला ने एक दूसरे से पागलों की तरह प्यार करते थे। मधुबाला उनकी जिंदगी में आ जाएं इसके लिए हर हद पार की...हर मुमकिन कोशिश की। लेकिन भगवान ने दोनों का साथ नहीं लिखा था। दिलीप कुमार ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘दिलीप कुमार: दि सब्सटेंस एंड दि शैडो’ में मधुबाला से अपनी आखिरी मुलाकात के बारे में खुलकर लिखा है। अभिनेता लिखा कि ‘सायरा बानो की एक सबसे अच्छी बात थी कि वे हमेशा मुझसे कहती थी कि पास्ट भूल जाओ और प्रजेंट में जिंदगी जीभर कर जियो।
दिलीप कुमार ने अपनी जीवनी में लिखा है कि जब मेरा और सायरा की शादी यानी निकाह हुआ था, उसके बाद हम मद्रास (चेन्नई) में कुछ दिन रहे थे। एक दिन अचानक मुझे मधुबाला का संदेश मिला, वह मुझे देखना चाहती हैं और मुझसे मिलकर बात करना चाहती हैं। इसके बाद जब हम मुंबई पहुंचे तो मैंने सायरा को यह बात बता दी थी। सायरा ने मुझसे कहा कि मुझे मधुबाला से जाकर जरूर मिलना चाहिए। हो सकता है वह किसी बात से बहुत ज्यादा परेशान हों, वह इश समय बीमार चल रही हैं।’
दिलीप की किताब के मुताबिक, जब एक्टर मधुबाला से मिलने गए तो एक्ट्रेस काफी कमजोर और बीमार से टूट चुकी थीं। उन्हें देखकर दिलीप कुमार काफी इमोशनल हो गए थे। उनके चेहरे का पीलापन बता रहा था कि वे कितनी ज्यादा बीमार और वीक हो चुकी हैं। उन्हें मुस्कुराने के लिए भी काफी हिम्मत जुटानी पड़ती थी। मधुबाला ने जब दिलीप को देखा तो उनका चेहरा चमक उठा। एक्ट्रेस ने उन्हें देखते ही कहा कि हमारे शहजादे को उनकी शहजादी मिल गई है। मैं बहुत खुश हूं तुम दोनों के लिए।’ सायरा बानो के लिए ये मधुबाला के आखिरी शब्द थे। उन्हें सायरा से कोई शिकवा गिला नहीं था। वहीं दिलीप और मधुबाला की भी ये आखिरी मुलाकात थी। इसके बाद एक्ट्रेस का निधन हो गया था।