Dadasaheb Phalke Award: 40 के दशक में दिया किसिंग सीन, शानदार एक्टिंग के चलते दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड पाने वाली पहली एक्ट्रेस बनीं

Dadasaheb Phalke Award: मनोरंजन जगत में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड की बहुत अहम सम्मान माना जाता है। यह हर साल सिनेमा में अपने योगदान के लिए लाखों में एक एक्टर को दिया जाता है। इस साल मोहनलाल को इस सम्मान से नवाजा गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहला अवॉर्ड किसे मिला था।

अपडेटेड Sep 21, 2025 पर 10:57 AM
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शानदार एक्टिंग के चलते दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड पाने वाली पहली एक्ट्रेस बनीं

Dadasaheb Phalke Award: मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल को इंडस्ट्री में दिए गए अपने योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। हाल ही में इसका ऐलान किया गया है और हर ओर से मोहनलाल को बधाइयां दी जाने लगी है। पिछले साल मिथुन चक्रवर्ती और उससे पहले रेखा को यह सम्मान दिया गया था।

पिछले 26 सालों से एक्टर्स को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा जा रहा है। मगर कम ही लोगों को पता होगा कि सबसे पहले यह अवॉर्ड पाने वाला स्टार कौन था। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय सिनेमा की पहली महिला कलाकार थी, जिन्हें पहली बार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड दिया गया था।

भारतीय सिनेमा की पहली महिला कलाकार कोई और नहीं बल्कि 1930 और 1940 के दशक की सबसे ज्यादा फीस चार्ज करने वाली अदाकारा देविका रानी (Devika Rani) को ये अवॉर्ड दिया गया था। अपने दौर में वह सबसे बड़ी और सक्सेसफुल एक्ट्रेस थीं, जो बॉक्स ऑफिस पर कब्जा करके बैठी थीं। सिनेमा में अपने योगदान के लिए ही उन्हें साल 1969 में पहली बार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया था।


एक रईस औप वेलसेटेड परिवार में जन्मीं देविका रानी 9 साल में ही लंदन के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने चली गई थीं। वहीं से उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई की और फिर वापस आईं। विदेश में रहने के चलते वह काफी बोल्ड थीं। यही वजह है कि उनकी पहली फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई थी, क्योंकि उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म में लिपलॉक कर देशभर में हंगामा खड़ा कर दिया था।

20 दशक के आखिर में देविका रानी की फिल्ममेकर हिमांशु राय से मुलाकात हुई थी और फिर दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा और एक साल के अंदर दोनों ने शादी कर ली थी। एक्टिंग से पहले वह आर्ट डायरेक्टर और कॉस्ट्यूम डिजाइनर का काम करती थीं। फिर 1933 में हिमांशु राय ने एक फिल्म कर्म बनाई, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी देविका रानी के साथ काम किया।

यह फिल्म को 2 भाषाओं हिंदी और इंग्लिश में रिलीज किया गया था। कर्म को पहली इंग्लिश लैंग्वेज भारतीय फिल्म भी कहा जाता है। विदेशों में तो इस फिल्म को काफी पसंद किया गया था, लेकिन भारत में यह खास पसंद नहीं की गई थी। फिल्म में देविका और हिमांशु के 4 मिनट के किसिंग सीन ने पूरी इंडस्ट्री में सनसनी मचा दी थी।

कर्म के बाद देविका रानी कई फिल्मों जैसे जवानी की हवा, जीवन नैया, जन्मभूमि, सावित्री, इज्जत, निर्मला, वचन, अनजान और हमारी बात में काम किया था। पति हिमांशु के निधन के बाद उन्होंने बॉम्बे टॉकीज की कमान संभाली थी। मगर साल 1945 में उन्होंने इंडस्ट्री से दूरी बना ली थी और रशियन पेंटर से दूसरी शादी कर उनके साथ बैंगलोर में रहने लगी थीं। साल 1994 में उन्होंने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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First Published: Sep 21, 2025 10:57 AM

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