भारत में सिल्वर प्राइस

As on Dec 03, 2025
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भारत में सिल्वर प्राइस: चांदी में निवेश, हॉलमार्किंग और इंपोर्ट से जुड़ी हर जानकारी लीजिए। गोल्ड की तरह चांदी भी भारत में सबसे अधिक खरीदी जाने वाली और पसंदीदा निवेश में से एक है।

भारत में चांदी अलग-अलग तरीके से खरीदी जाती है। मसलन आप चांदी के सिक्के, सिल्वर बार, ज्वैलरी, चांदी की मूर्तियां और चांदी के बर्तन के तौर पर खरीदे जाते हैं।

चांदी में निवेश करने से पहले इसके मौजूदा रेट को जानना जरूरी है। मार्केट कंडीशंस के अलावा चांदी की शुद्धता की जांच करना और ट्रेडर्स की ऑथेंटिसिटी जानना भी जरूरी है। अगर आप भी चांदी में पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो जानिए आपको क्या करना होगा।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में चांदी की दर एक ग्राम प्रति 73.6 रुपए और एक किलो का भाव 73,600 रुपए है। चांदी की कीमतों में रोज बदलाव होता है।

चांदी का भाव का भाव (आज और बीता कल)

ग्रामबीता कलआजबदलाव
1 ग्राम₹ 196₹ 201₹ 5
10 ग्राम₹ 1,960₹ 2,010₹ 50
100 ग्राम₹ 19,600₹ 20,100₹ 500

भारत में चांदी की कीमतों पर किन बातों का असर होता है?

गोल्ड प्राइस की तरह चांदी की कीमतें भी कई तरह के फैक्टर्स से तय होती हैं। इनमें डिमांड और सप्लाई के साथ-साथ ग्लोबल मार्केट मूवमेंट, राजनीतिक कारण और सरकारी नीतियां शामिल हैं।

डिमांड: फेस्टिव और शादियों के सीजन में गोल्ड और सिल्वर की मांग सबसे ज्यादा रहती है। इसके साथ ही इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में भी चांदी का इस्तेमाल होता है जिससे इसकी कीमतें बढ़ जाती हैं।

ग्लोबल मार्केट: चांदी में वोलैटिलिटी कम होती है जिसकी वजह से इसे निवेश के लिए बेहतर माना जाता है। इसके साथ ही ग्लोबल मार्केट मूवमेंट का भी भारत में चांदी की कीमतों पर असर पड़ता है। क्रूड और डॉलर का रेट गिरने से आमतौर पर चांदी की कीमतों में तेजी आती है। मान लीजिए डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू गिरती है और ग्लोबल मार्केट में चांदी की कीमत स्थिर है तो भी इंडियन मार्केट में सिल्वर प्राइस बढ़ जाएगा।

राजनीतिक कारण और सरकारी नीतियां : ग्लोबल पॉलिटिकल फैक्टर्स और सरकारी नीतियों के कारण भी चांदी की कीमतों में उतार चढ़ाव होता है।

चांदी की दर कैलकुलेटर

भारत के टॉप 10 शहरों में चांदी की भाव
As on Dec 03, 2025

City Nameस्टैंडर्ड सिल्वर रेट
1 ग्राम8 ग्राम
अहमदाबाद 2011608
बैंगलोर 2011608
चेन्नई 2011608
हैदराबाद 2011608
जयपुर 2011608
कोलकाता 2011608
लखनऊ 2011608
मुंबई 2011608
पुणे 2011608
दिल्ली 2011608
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भारत के अलग-अलग शहरों में चांदी का भाव
As on Dec 03, 2025

City Nameस्टैंडर्ड सिल्वर रेट
1 ग्राम8 ग्राम
आगरा 2011608
अहमदाबाद 2011608
बैंगलोर 2011608
भिलाई 2011608
भोपाल 2011608
भुवनेश्वर 2011608
चंडीगढ़ 2011608
चेन्नई 2011608
कोयंबटूर 2011608
देहरादुन 2011608
फरीदाबाद 2011608
गाज़ियाबाद 2011608
गुंटूर 2011608
गुडगाँव 2011608
गुवाहाटी 2011608
हैदराबाद 2011608
इंदौर 2011608
जबलपुर 2011608
जयपुर 2011608
जोधपुर 2011608
कानपुर 2011608
कोलकाता 2011608
कोटा 2011608
कोझिकोड 2011608
लखनऊ 2011608
लुधियाना 2011608
मदुरै 2011608
मुंबई 2011608
मैसूर 2011608
नागपुर 2011608
नोएडा 2011608
पणजी 2011608
पटना 2011608
पुणे 2011608
रायपुर 2011608
रांची 2011608
शिमला 2011608
सूरत 2011608
त्रिशूर 2011608
उदयपुर 2011608
वडोदरा 2011608
विजयवाड़ा 2011608
विशाखापत्तनम 2011608
वारंगल 2011608
असम 2011608
हरयाणा 2011608
Jammu and kashmir 2011608
राजस्थान 2011608
तेलंगाना 2011608
West bengal 2011608
Andhra pradesh 2011608
बिहार 2011608
गुजरात 2011608
महाराष्ट्र 2011608
केरल 2011608
कर्नाटक 2011608
पंजाब 2011608
ओडिशा 2011608
Uttar pradesh 2011608
छत्तीसगढ 2011608
झारखंड 2011608
Madhya pradesh 2011608
Tamil nadu 2011608
उत्तराखंड 2011608
Himachal pradesh 2011608
गोवा 2011608
दिल्ली 2011608
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चांदी खरीदते हुए किन बातों का रखें ध्यान? 

सिल्वर प्राइस: इंटरनेशनल मार्केट प्राइस के आधार पर चांदी की कीमतें रेगुलर बदलती रहती है। इसलिए यह जरूरी है कि चांदी खरीदने से पहले आप ताजा भाव जरूर जान लें।

मेकिंग चार्ज: गोल्ड की तरह ज्वैलर्स चांदी के बने गहनों या बर्तनों पर भी मेकिंग चार्ज वसूलते हैं। इसलिए कभी भी चांदी से बने गहने या बर्तन खरीदने से पहले मेकिंग चार्ज जरूर जान लें।

सेलर्स: आप जो चांदी खरीद रहे हैं वह शुद्ध है या नहीं, इसके लिए जरूरी है कि आप पहले सेलर्स के बारे में कुछ रिसर्च कर लें ताकि वह आपको चूना ना लगा सके। ऐसे सेलर्स आपको ना सिर्फ बेहतर क्वालिटी वाली चांदी देंगे बल्कि अच्छी रीसेल वैल्यू भी देंगे।

सर्टिफिकेशन: चांदी खरीदना चाहते हैं तो सबसे पहले ज्वैलरी या सिल्वर बार की शुद्धता का सर्टिफिकेट जरूर लें।

चांदी में निवेश करना फायदेमंद है या नहीं?

भारत में चांदी की कीमत गोल्ड के मुकाबले काफी कम है। लेकिन निवेश के लिए लिहाज से यह सुरक्षित विकल्प है। चांदी के गहने, सिक्के या बर्तन को रीसेल करने पर अच्छी कीमत मिल सकती है।

प्योर सिल्वर और स्टर्लिंग सिल्वर में क्या फर्क है?

फाइन चांदी 99.9% शुद्ध चांदी होती है। और स्टर्लिंग चांदी के मुकाबले यह सॉफ्ट होती है। दूसरी ओर, स्टर्लिंग एक ऐसा एलॉय है जिसमें चांदी की मात्रा ज्यादा होती है लेकिन इसके साथ ही मजबूती के लिए इसमें तांबा और जिंक भी मिलाया जाता है। देखने में चांदी और स्टर्लिंग चांदी, दोनों एक समान नजर आते हैं। शुद्ध चांदी बहुत सॉफ्ट होती है इसलिए यह लंबे समय तक नहीं टिकती है। जबकि स्टर्लिंग चांदी की अगर ठीक से देखभाल की जाए तो यह जीवन भर रहती है।

पिछले 10 दिनों में चांदी का रेट

तारीखस्टैंडर्ड सिल्वर रेट
10 Grams
Dec 03, 20252010
Dec 02, 20251960
Dec 01, 20251960
Nov 30, 20251920
Nov 29, 20251920
Nov 28, 20251830
Nov 27, 20251800
Nov 26, 20251760
Nov 25, 20251740
Nov 24, 20251710
Nov 23, 20251720
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गोल्ड से जुड़ी खबरें

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    भारत में चांदी की कीमत का साप्ताहिक और मासिक ग्राफ

    सोने

    • 03 दिसंबर 2025

      आज सोने का भाव

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    चांदी से जुड़े कुछ सवाल जो अक्सर पूछे जाते हैं

    भारत में सिल्वर बार कहां खरीद सकते हैं?

    आप भारत में सिल्वर बार (Silver Bar) बैंकों, सर्टिफाइड ज्वैलर्स और ऑनलइन एजेंट्स से खरीद सकते हैं। चांदी खरीदने से पहले यह जरूर ध्यान रखेंगे कि ज्वैलरी शॉप के मुकाबले बैंक ज्यादा कीमत वसूलते हैं क्योंकि वो प्योरिटी चेक और भरोसा ज्यादा रहता है।

    हॉलमार्किंग क्या है?

    हॉलमार्किंग से यह पक्का होता है कि आप जो गोल्ड या सिल्वर खरीद रहे हैं वो पूरी तरह शुद्ध है।

    हॉलमार्क वाले सिक्के खरीदने के क्या फायदे हैं?

    हॉलमार्किंग से प्योरिटी का पता चलता है। इसलिए आप चांदी के सिक्के खरीदे या Bar हॉलमार्क होना शुद्धता के लिए जरूरी है।

    सिल्वर खरीदने का बेस्ट टाइम क्या है?

    चांदी खरीदने का बेस्ट टाइम फेस्टिवल या शादियों का सीजन हो सकता है क्योंकि इस वक्त ज्वैलर्स काफी ऑफर देते हैं। लेकिन चांदी के भाव कम होने पर भी आप निवेश कर सकते हैं।

    चांदी खरीदने पर क्या मुझे टैक्स देना होगा?

    अगर आप भारत में चांदी खरीदते हैं तो VAT और GST चुकाना पड़ता है।

    भारत में मैं कितनी चांदी खरीद सकता हूं?

    भारत में चांदी खरीदने की कोई तय सीमा नहीं है। लेकिन एक लिमिट से ज्यादा चांदी खरीदने पर सरकार कुछ चार्ज लगा सकती है।

    चांदी में कैसे करें निवेश?

    चांदी में निवेश करने के कई तरीके हैं। आप ज्वैलरी के तौर पर, सिक्कों या सिल्वर बार के तौर पर चांदी खरीद सकते हैं। इसके साथ ही प्रोफेशनल इनवेस्टर्स कमोडिटी फ्यूचर्स एक्सचेंज के जरिए भी सिल्वर में पैसे लगा सकते हैं।

    भारत में चांदी का उत्पादन कहां कहां होता है?

    भारत में चांदी का उत्पादन बहुत कम होता है. अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत, बेल्जियम, इटली, जर्मनी सहित कई देशों से चांदी आयात करता है. भारत के जिन क्षेत्रों में चांदी का उत्पादन किया जाता है, उनमें राजस्थान में जावर खदानें, कर्नाटक में चित्रदुर्ग और बेल्लारी, आंध्र प्रदेश में गुंटूर, कुरनूल और कन्नप्पा, झारखंड में संथाल और उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिला शामिल हैं.

    चांदी से कौन-कौन से आभूषण बनते हैं?

    भारत में आभूषण बनाने के लिए चांदी का इस्तेमाल बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है. महिलाएं अपने पैरों में चांदी की पायल और बिछिया एवं हाथों में अंगूठी और चूड़ियां पहनती हैं. जबकि पुरुष अंगूठियां और कड़ा पहनना पसंद करते हैं. चांदी के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसे पहनने से मन शांत रहता है और सुंदरता बढ़ती है.

    चांदी की पहचान कैसे करें?

    चांदी को लेकर धोखाधड़ी की संभावना कम होती है, फिर भी एहतियात बरतने में कोई हर्ज नहीं है. चांदी की शुद्धता जांचने के लिए आप चुंबक का प्रयोग कर सकते हैं. चांदी में चुम्बकीय बल कम होता है. अगर चांदी चुंबक से चिपक जाए तो समझ लें कि चांदी या तो मिलावटी है या नकली.

    गोल्ड की तरह क्या चांदी में भी हॉलमार्क का इस्तेमाल होता है?

    हॉलमार्किंग सोना, प्लैटिनम और चांदी सहित तमाम धातुओं में शुद्धता (Purity) का प्रमाण है. यह धातुओं के शुद्ध और असली होने की गारंटी प्रदान करता है. हॉलमार्किंग तकनीक को विक्रेताओं की तरफ से ग्राहकों को अनुचित कीमतों पर अनियमित सोना या चांदी बेचने से रोकने के लिए तैयार किया गया है. यह देश में प्रामाणिक चांदी खोजने और खरीदने की सबसे प्रभावी तकनीक है. हॉलमार्किंग तकनीक शुरू होने से पहले धातु विक्रेता और खासकर ज्वैलर्स धोखाधड़ी वाले लेनदेन के माध्यम से अनुचित कमाई करते थे. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने साल 2005 में चांदी के लिए हॉलमार्किंग योजना शुरू की थी. यह धातुओं के मानकीकरण (Standardization), प्रमाणन (Certification ) और गुणवत्ता (Quality) के लिए जिम्मेदार है. 2005 से अभी तक बहुत सारे चांदी डीलरों को हॉलमार्क वाली चांदी की कलाकृतियां और आभूषण बेचने के लिए हॉलमार्क लाइसेंस जारी किए गए हैं. भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 के तहत एक वैधानिक संगठन के रूप में बीआईएस की नींव रखी गई थी.

    BIS मार्क से कैसे चांदी की प्योरिटी जांची जाती है?

    BIS मार्क चांदी की प्योरिटी के सबसे प्रमुख चिह्नों में से एक है. यह एक प्रकार का त्रिकोणीय (Triangular) प्रतीक है, जिसमें त्रिकोण (Triangle) के अंदर एक बिंदु होता है. यह भारतीय मानक ब्यूरो या बीआईएस का आधिकारिक लोगो (Logo) है

    चांदी की प्योरिटी ग्रेड क्या क्या हैं?

    चांदी के लिए शुद्धता ग्रेड 999.9, 999.5 या सिर्फ 999 है. सिल्वर अलॉय, आभूषण और कलाकृतियों के लिए यह 970, 925, 900, 835 और 800 है.

    चांदी की सबसे खास बात क्या है?

    चांदी की मुख्य विशेषताओं में शामिल है इसका लचीलापन. इसकी कागज से भी पतली शीट बनाई जा सकती है और लंबा तार भी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 30 ग्राम चांदी से करीब ढाई किलोमीटर लंबा तार बनाया जा सकता है. इसके अलावा यह बिजली और गर्मी का एक बेहतर कंडक्टर भी है.

    चांदी का वर्क कैसे बनता है?

    माना जाता है कि चांदी खाने से मनुष्य का दिमाग तेज होता है. शायद इसलिए ही मिठाइयों के ऊपर चांदी का वर्क लगाया जाता है. चांदी का वर्क धातु के लचीलेपन का एक उदाहरण है. वर्क बनाने के लिए चांदी को लकड़ी या किसी हल्की चीज से बने हथौड़े से धीरे-धीरे पीटा जाता है और यह फैलती चली जाती है.

    चांदी का इस्तेमाल वैज्ञानिक कामों में कैसे किया जाता है?

    चांदी में प्रकाश को परावर्तित (Reflection) करने की क्षमता किसी भी अन्य धातु की तुलना में बहुत अधिक होती है. चांदी 95 प्रतिशत प्रकाश को परावर्तित (Reflect) करती है, जिसके चलते इसकी गिनती चमकदार धातुओं में होती है. चांदी का इस्तेमाल कई वैज्ञानिक कार्यों के लिए भी किया जाता है. इसकी मदद से तैयार किए जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं में उच्च गुणवत्ता वाले चश्मे, दूरबीन और माइक्रोस्कोप शामिल हैं. इसके अलावा जिन उपकरणों में इसका इस्तेमाल किया जाता है, उनमें शामिल हैं - सोलर पैनल , बर्तन, एयर कंडीशनर, वाटर प्यूरीफायर, फोटोग्राफी से संबंधित उपकरण , इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ,मेडिकल उपकरण

    चांदी में किस तरह की औषधीय गुण होते हैं?

    चांदी के गहने पहनने से न सिर्फ सुंदरता में निखार आता है बल्कि इससे मानसिक शांति भी मिलती है. ऐसा माना जाता है कि इससे भावनाओं को कंट्रोल करने के साथ संयम रखने में भी मदद मिलती है. इस बीच आभूषण बनाने के काम आने वाली चांदी हमारी स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है. आयुर्वेद के अनुसार चांदी हमारे शरीर से कई बीमारियों को दूर करने में मदद करती है. न सिर्फ चांदी से हमारी स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं बल्कि ग्रंथों में तो इसे पवित्र धातु का नाम दिया गया है. यही वजह है कि भगवान को चांदी के बर्तनों में भोग लगाया जाता है.एक समय था, जब राजघरानों में सोने-चांदी सहित तमाम धातुओं के बर्तनों में ही खाना परोसा जाता था. हालांकि, आज भी कई घरों में चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद का मानें तो चांदी में 100 फीसदी बैक्टीरिया फ्री होती है|. इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, जिससे ये हमारे शरीर से बैक्टीरिया, फंगी और वायरस को खत्म कर सकती है|. इसके अलावा चांदी में एंटी-एजिंग गुण भी पाए जाते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं और फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं |

    कब थी सोने से महंगी चांदी?

    यह बहुत ही दिलचस्प बात है कि प्राचीन मिस्र (Egypt) और मध्य यूरोप में चांदी की कीमत सोने से ज्यादा हुआ करती थी. अभी भी कुछ देशों में करेंसी के रूप में चांदी के सिक्कों का प्रयोग किया जाता है .

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