Sanjana Kapoor: बॉलीवुड से दूरी, थिएटर से नजदीकी...Shashi Kapoor की बेटी Sanjana Kapoor ने चुनी अपनी अलग राह

Sanjana Kapoor: संजना कपूर ने बॉलीवुड को अलविदा कहकर थिएटर को अपनी असली पहचान बनाया। उन्होंने अपना करियर एक अलग राह पर चलाने की कोशिश की और एक अलग पहचान बनाई।

अपडेटेड Sep 19, 2025 पर 5:39 PM
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हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता शशि कपूर की बेटी संजना कपूर ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कहकर थिएटर के मंच को अपना जीवन समर्पित कर दिया है। एक ऐसे दौर में जब स्टारकिड्स बड़े पर्दे की चमक-दमक की ओर खिंचे चले आते हैं, संजना ने इसके विपरीत दिशा में चलते हुए कला की उस विधा को चुना, जिसे अक्सर हाशिये पर रखा जाता है यानी थिएटर।

संजना कपूर का बचपन ही थिएटर के माहौल में बीता। उनकी मां जेनिफर केंडल भी थिएटर कलाकार थीं और पिता शशि कपूर ने भी रंगमंच को नई ऊंचाई दी थी। संजना ने भी अपने माता-पिता की इस विरासत को आगे बढ़ाने की ठानी।

sanjana kapoor


उन्होंने 1981 में 36 चौरंगी लेन से फिल्मों में अभिनय की शुरुआत की थी। इसके बाद उत्सव, सलाम बॉम्बे! और हीरो हीरालाल जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि उनका फिल्मी करियर लंबा नहीं चला। उन्होंने खुद स्वीकार किया कि उन्हें फिल्मों में काम करने में कभी पूरी संतुष्टि नहीं मिली। कैमरे के सामने अभिनय करना उनके लिए एक सीमा जैसा अनुभव था, जबकि थिएटर में उन्हें खुलकर रचनात्मकता दिखाने का मौका मिला।

1993 में संजना ने ‘पृथ्वी थिएटर’ की बागडोर संभाली और इसे केवल एक मंच तक सीमित नहीं रहने दिया। उन्होंने थिएटर को जनता से जोड़ने के लिए भारतभर में नाट्य कार्यशालाएं, फेस्टिवल और आउटरीच प्रोग्राम्स शुरू किए। साल 2012 में उन्होंने पृथ्वी थिएटर से अलग होकर 'जुनून थिएटर' नाम से एक स्वतंत्र मंच की शुरुआत की, जिसका मकसद था ग्रामीण और शहरी भारत के बीच सांस्कृतिक पुल बनाना।

Shradha Tulsyan

Shradha Tulsyan

First Published: Sep 19, 2025 5:39 PM

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