दिल्ली की मशहूर लव कुश रामलीला में इस बार मॉडल पूनम पांडे मंदोदरी का किरदार निभाएंगी। मंदोदरी, रावण की पत्नी थीं और रामायण में उनका महत्वपूर्ण और पवित्र स्थान है। रामलीला की कमेटी ने पूनम की भूमिका को महिला सशक्तिकरण के तहत समर्थन दिया है, लेकिन अयोध्या और हनुमानगढ़ी के कई संतों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। संत दिवाकराचार्य जी महाराज ने पूनम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मंदोदरी के चरित्र के लिए पवित्रता जरूरी है और उन्होंने बिना नाम लिए पूनम को अश्लील महिला तक कहा। संतों ने कमेटी से पूनम को रामलीला से बाहर करने की मांग की और चेतावनी दी कि विरोध जारी रहा तो उन्हें प्रदर्शन सामना करना पड़ सकता है।
संतों का कहना है कि मंदोदरी ने पति रावण के गलत कामों का विरोध किया था और जो भी इस किरदार को निभाए, उसे पवित्र तन-मन से होना चाहिए। इसके विपरीत, पूनम पांडे को पैसे कमाने के लिए शरीर बेचने के काम से जोड़ा गया, जिसे उन्होंने नकारा है। वहीं, लव कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने पूनम का समर्थन किया है और कहा कि मंदोदरी ब्राह्मण समाज की महिला और सशक्तिकरण का प्रतीक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूनम को यह भूमिका महिला सशक्तिकरण और सम्मान के दृष्टिकोण से दी गई है। कमेटी ने यह भी बताया कि राम, सीता, लक्ष्मण जैसे अन्य किरदारों में भी फिल्मी और टीवी दुनिया के अभिनेता शामिल हैं। रावण का किरदार आर्य बब्बर निभाएंगे, जबकि सांसद मनोज तिवारी भगवान परशुराम के रोल में नजर आएंगे।
पूनम पांडे ने अपनी खुशी जताते हुए कहा है कि यह उनके लिए गर्व और सम्मान की बात है कि उन्हें इतनी बड़ी धार्मिक और सांस्कृतिक रामलीला में मंदोदरी का किरदार निभाने का मौका मिला है। उन्होंने बताया कि वे पूरे समर्पण और उत्साह के साथ इस भूमिका के लिए तैयार हैं और रामलीला को सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और संस्कृति का उत्सव मानती हैं। रामलीला का मंच सांस्कृतिक समर सता में अहम भूमिका निभाता है और पूनम के प्रदर्शन से इसे एक नया आयाम मिलेगा। इसके बावजूद संतों का विरोध और विवाद जारी है, जो आने वाले दिनों में इस आयोजन का मुख्य विषय बना रहेगा।