मश्हूर फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा की दिवाली पार्टी में फिल्म इंडस्ट्री के बड़े और नामी सितारे अपनी चमक बिखेरने के लिए पहुंचे थे। लेकिन सितारों से सजी इस महफिल को सुहाना खान ने अपनी सादगी से लूट लिया। सुहाना इन इस पार्टी के लिए जो आउटफिट चुनी, उसमें न तो सेक्विन थे और न ही कोई ड्रामा था। ये एक पर्पल या बैंगनी रंग की साड़ी थी, जिसमें सुहाना बला की खूबसूरत नजर आ रही थीं।
इस पार्टी के लिए सुहाना का आउटफिट यानी उनकी साड़ी कोई स्टाइल स्टेटमेंट नहीं एक सोच थी, कुछ यादों का एहसास था, जिसे सुहाना ने बखूबी निभाया। उनकी साड़ी में बहुत चमक-दमक नहीं होने के बावजूद उसमें बुनी कहानी की वजह से वह बेहद खास थी। पहली नजर में वो साड़ी किसी कॉट्यूर का हिस्सा लगती है, लेकिन ये सादगी में पिरोया हुआ यादों का झरोखा है जो कई पड़ावों से गुजरा है।
सुहाना ने अपने बाकी लुक को खूबसूरती से सिंपल रखा, साड़ी को ही सारी बातें कहने दिया। एक नाज़ुक हीरे का कमरबंद उसकी कमर से लिपटा हुआ था और लाइट पड़ने पर चमक उठता था। बालों को भी उसने बहुत स्टाइल नहीं किया था। अपने नेचुरल कर्ल के साथ बेफिक्री से खुले छोड़ दिए थ। मेकअप, बिल्कुल नहीं। हल्का सा जो था, वो उसके स्किन टोन से मैच कर रहा था।
सुहाना की साड़ी कॉट्यूर का जादू बिखेर रही थी, लेकिन यह किसी नए कलेक्शन से निकली कोई और ग्लैमरस क्रिएशन नहीं थी। सुहाना की साड़ी के बॉर्डर मनीष के स्टूडियो में सालों से इकट्ठा करके रखे पुराने पैटर्न के हिस्से थे। ये पूरा बॉर्डर कई छोटे-छोटे टुकड़ों को जोड़ कर बना था, जो अलग-अलग कहानियों का हिस्से बने थे। कोई टुकड़ा किसी दुल्हन के दुपट्टे से निकला था, तो कोई रनवे का कोई सपना। मनीष ने अपनी कई सालों की यादों को इस एक साड़ी में पिरो दिया था।
सुहाना की स्टाइलिस्ट, अमी पटेल ने इसे ‘माइंडफुल लक्ज़री’ बताया। उन्होंने कहा, ये साड़ी फैशन का वो हिस्सा है, जो न सिर्फ चमकता है बल्कि विरासत को भी जोड़ता है। सुहाना ने इस साड़ी से फैशन की दुनिया को एहसास कराया कि फैशन वो नहीं है जो आगे की बात करे, बल्कि ये वो है, जिसमें हम खूबसूरत महसूस करें। उन्होंने अपनी साड़ी से एक खूबसूरत संदेश दिया कि पुराना का मतलब पुराना नहीं होता, इसका मतलब है परतों वाला, जिया हुआ, प्यार किया हुआ।