Zubeen Garg Last Rites: जुबीन गर्ग (Zubeen Garg), मशहूर असमीस और बॉलीवुड सिंगर का निधन होने जाने से उनके फैंस काफी दुखी हैं। उन्होंने हिंदी समेत तमाम भाषा में गाना गाकर लाखों दिलों में अपनी जगह बनाई थी। 19 सितंबर को उनकी अचानक मौत की खबर ने पूरे देश को झटका दिया है। 52 साल के जुबीन के जाने से फैंस बेहद दुखी हैं।
शुक्रवार दोपहर को जुबीन गर्ग के निधन की खबर ने हर किसी को चौंका दिया था। वह नॉर्थ ईस्ट के एक फेस्टिवल में शामिल होने के लिए सिंगापुर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि वह बीते दिन स्कूबा डाइविंग के दौरान एक एक्सीडेंट में घायल हुए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल भी ले कर जाया गया, लेकिन वहां पहुंचते ही उनकी मौत हो गई।
आज यानी रविवार को उनका शव असम के गुवाहाटी पहुंच गया था। यहां से सिंगर की अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में जुबिन के फैन्स का हुजूम उमड़ा और उन्हें नम आंखों से विदाई दी गई। गुवाहाटी से इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जहां फैन्स का बड़ा हुजूम अंतिम यात्रा में शामिल होता दिखा है। यहां सुरक्षाबलों के बीच जुबिन के शव को अंतिम संस्कार के लिए अर्जुन भोगेश्वर बरुआह स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स लेकर जाया गया है। यहां लोगों को अंतिम दर्शन दिए जाएंगे। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
जुबीन गर्ग ने 1992 में एक यूथ फेस्टिवल में अपनी परफॉर्मेंस से गोल्ड मेडल जीतने के बाद अपनी प्रोफेशनल सिंगिंग की जर्नी को शुरू किया था। उन्होंने नवंबर 1992 में अपने असमिया एल्बम अनामिका को लॉन्च किया। उनके पहले रिकॉर्ड किए गए गाने, तुमी जुनु परिबा हुन और तुमी जुनाकी हुबाख को 1993 में रिलीज किया गया था। उन्होंने जापुनोर जुर (1992), जुनाकी मोन (1993), माया (1994) और आशा (1995) जैसे एल्बम बनाए। मुंबई जाने से पहले उन्होंने अपना पहला बिहू एल्बम उजान पिरिति रिलीज किया था, जो कमर्शियली हिट रहा था।
बॉलीवुड में उन्हें गैंगस्टर (2006) के गाने या अली से नेम और फेम मिली थी, जिसके लिए उन्हें बेस्ट प्लेबैक सिंगर का GIFA अवार्ड दिया गया था। इसके बाद उन्होंने कृष 3 के दिल तू ही बता, दम मारो दम के जीना है, राज 3 का क्या राज है, चांदनी रात के अंखियां है या कोई, पाकिजा, मुद्दा के सपना सारे, जैसे बेहतरीन गानों को अपनी सुरीली आवाज से सजाया था।